Tally Prime Ledger Group Selection in Hindi 2023

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे आज हम सीखेंगे की Tally Prime मे Ledger को Group कैसे दे। दोस्तों यदि आप Tally Prime सीख रहे हैं। तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर हैं। क्योंकि आज हम Tally Prime मे Ledger Group Selection करना सीखेंगे। बहुत से New Tally User जिन्हें Tally Software का ज्ञान नहीं होता है। वे अक्सर Under Group Select करने मे Confused रहते हैं। की किस Ledger को कोन सा Group दे। जिससे कि Tally की सभी Report सही तरह से दिखाई दे। और आज हम इस पोस्ट मे Tally Group Selection की इस Problem को Solve करने वाले है। पर उससे पहले जानते हैं। की Ledger Group क्या है।

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Tally Prime मे Group क्या है।

Tally Prime मे Group का अर्थ किसी Ledger के समुह से होता है। जिसमें एक ही प्रकृति और स्वभाव के खातों को एक Group मे रखा जाता है। जब हम Tally Prime मे किसी New Ledger को Create करते है। तो उसे एक Group दिया जाता है। ताकी वह ग्रुप के आधार पर अपनी सभी जगह पर जा सके।

यदि हम किसी Ledger को गलत Group देते हैं। तो हमे Tally Prime द्वारा Report भी गलत दिखाई जायगी। इसलिए दोस्तों Tally Prime सीखने से पहले आप को Tally Prime के Group Selection Process को जरूर पढ़ना चाहिए। ताकी आप Tally में आसानी से और Fast Work कर सके। 

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Tally Prime Ledger Group Selection in Hindi

Tally Prime मे Total 28 Group होते हैं। जिसमें 15 Group Primary और 13 Group Sub-Primary होते हैं। और ईन Groups के Under मे जिन Ledgers को Create किया जाता है। उसकी List निम्न प्रकार है।

Tally Prime मे Ledger को Group कैसे दे।

1. Bank Accounts

इस Group में सभी बैंक खातों को शामिल किया जाता है। बैंक लोन अकाउंट को छोड़कर। जैसे :-

Ledger Under Group 
Bank AccountsBank of Baroda  A/c
Bandhan Bank A/c
SBI A/c
Kotak Mahindra Bank A/c

2. Bank OCC A/c

Bank OCC A/c यानि Bank open cash credit A/c इस Group में सभी Bank Loan OCC A/c को शामिल किया जाता है। यदि हमने किसी बैंक से लोन लिया है। तो उस खाते को Bank OCC A/c Group में शामिल किया जायगा। जैसे :-

Ledger Under Group 
Bank OCCPunjab National Bank CC A/c
Bank of Maharashtra Loan A/c
IDBI Bank Loan A/c

3. Bank OD A/c

Bank OD A/c यानि Bank Overdraft A/c इस Group में सभी Bank Overdraft A/c को शामिल किया जाता है। यदि हमने किसी बैंक में खाते को Overdraft किया है। तो उसे इस Group में शामिल किया जाता हैै। जैसे :-

Ledger Under Group 
Bank ODBank of India OD A/c
IDFC Bank OD A/c
ICICI Bank OD A/c
Union Bank OD A/c
Indian Bank OD A/c

4. Branch/Divisions

यदि हमारी कंपनी में बड़े पैमाने पर काम होता है अर्थात हमारी कंपनी नई किसी अन्य क्षेत्र में भी Branch है। और हमें उन ब्रांचो से भी पैसा आता है। तो उस सभी Branch/Divisions से संबधित खातों को Branch/Divisions  Group में रखा जाता है। इस ग्रुप का नेचर Asset होता है।  जैसे :-

Ledger Under Group 
Branch/DivisionsABC Textiles Surat A/c 
xyz Textiles Bhopal A/c
ABC Trading Company Burhanpur A/c

5. Capital Account

इस Group में Company के मालिक के खातों (Ledgers) को शामिल किया जाता है। जैसे :- यदि किसी कंपनी का मालिक Shyam है। तो

Ledger Under Group 
Capital AccountShyam A/c

6. Cash-in-Hand

Tally में पहले से ही Cash का Account बना होता है। फिर भी कभी – कभी कंपनी द्वारा Petty Cash का खाता बनाया जाता है। जैसे :-

Ledger Under Group 
Cash in HandPetty Cash  A/c
 

7. Current Assets

Current Assets जिसे हम चालू सम्पत्तिया भी है। यानि वे सभी प्रकार की सम्पत्तियाँ जिसे आसानी से cash मे बदला सकता है। Current Assets कहलाती है। यदि हमने किसी फर्म, कंपनी  या व्यक्ति, को Advance Payment दिया है। तो उस Ledgers को  हम Current Assets Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Current AssetsPrepaid Insurance Charges
Mutual Fund
Prepaid Rent
Prepaid Maintenance Expense
All GST Ledger
 

8. Current Liabilities

Current Liabilities जिसे हम चालू दायित्व भी कहते हैं। यदि हमने किसी फर्म, कंपनी या व्यक्ति आदि से कोई Advance Payment या Loan लिया है। तो उस Ledgers को  हम Current Liabilities Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Current LiabilitiesIGST Payable 
SGST Payable 
CGST Payable 
All Payable Ledger A/c

9. Deposits (Asset)

यदि हमने हमारे व्यवसाय मे यदि कोई investment या कोई fix Deposits किया हो और हमे पता है कि इतने Year बाद हमारा investment पूरा होगा तो हम ऐसे Ledger  को बनाते समय Deposits (Assets) Group  देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Deposits (Assets)Electricity Deposit
Office Rent Deposit
Security Deposit
All Type Deposit Ledger
 

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10. Direct Expenses

यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय  होते है। अर्थात्‌ ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Direct Expenses Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Direct ExpensesTransport Exp. 
Wages 
Row Materials Expenses 
Weaving Charges
Sizing Charges 
 

11. Direct Incomes

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की प्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित हों तो ऐसी आय के Ledger बनाते समय Direct Income Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Direct IncomeTransport Charges Income
Freight Charges Income
All Income Form Service
 

12. Duties & Taxes

व्यवसाय मे सभी प्रकार के Tax से संबंधित खातों (Ledgers) के लिए Duties & Tax Group दिया जाता है। जैसे :-

Ledger Under Group 
Duties & TaxInput CGST
Input SGST
Input IGST
Output CGST
Output SGST
 

13. Expenses (Direct)

यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात्‌ ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Expenses (Direct) Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Expenses (Direct)Freight of Production
Wages Expenses 
Carriage Expenses 
Power Expenses
Freight Expenses 
 

14. Expenses (Indirect)

यदि हमारे व्यवसाय मे कोई अप्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात्‌ ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय से संबंधित नहीं होते है। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Expenses (Indirect) Group देगे। जैसे :-
Ledger Under Group 
Expenses (Indirect)Audit Fees
Professional Charges
Salary
Postage & courier Expenses 
Bank charges

15. Fixed Assets 

व्यवसाय मे उपस्थिति सभी प्रकार की  स्थाई संपत्तियों के Ledgers बनाते समय Fixed Assets Group देगे। ये स्थाई सम्पत्तियाँ व्यवसाय के संचालन मे भी सहायक होती है। जैसे :-

Ledger Under Group 
Fixed AssetsPrinter
Land
Computer
Bike 
Laptop
 

16. Income (Direct)

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की प्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित हों तो ऐसी आय के Ledger बनाते समय Income (Direct) Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Income (Direct)Freight Charges Income
Transport Charges Income
All Income Form Service

17. Income (Indirect)

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की  अप्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित नहीं होती है। ऐसी आय के Ledger बनाते समय Income (Indirect) Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Income (Indirect)Interest Received
Discount Received
 

18. Indirect Expenses

ऐसे खर्च जो व्यवसाय मे वस्तुओं केे खरीदते समय या वस्तुओं के उत्पादन से संबधित नहीं होते हैं। तो  ऐसे खर्चों के Ledgers बनाते समय उन्हें Indirect Expenses Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Indirect ExpensesDepreciation Expenses
Telephone charge
Bank charges
Tea & Water Expenses 
Petrol Expenses
Interest Expense
Audit Fees
Professional Charges
Legal charge
Postage & courier Expenses 
Legal Expenses/Charges
Salary Expenses
 

19. Indirect Incomes

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की अप्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods)  sale करने से संबंधित नहीं होती है। तो उन सभी आय के Ledgers बनाते  समय Indirect Incomes Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Indirect IncomesInterest Received
Discount Received
Other Income Received

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20. Investments

यदि व्यवसाय में हम कोई लंबी अवधि  के लिए निवेश करते है। और हमे  पता ही नहीं होता है कि  इस निवेश से Profit  होगा या Loss होगा।  तो ऐसे  निवेश (Investments) के  खातों (Ledgers) को Investment Group देगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
InvestmentMutual Fund 
Investment in Shares
Long term investment
Short Term Investment

21. Loans & Advances (Asset)

यदि हम व्यवसाय मे किसी पार्टी को Advance Payment या Loan देते हैं। तो ऐसे Ledgers को Loans & Advances (Asset) Group देते हैं। जैसे :-

Ledger Under Group 
Loans & Advances (Asset)Loan Give to Friends
Relatives and company Loan 
 

22. Loans (Liability)

यदि हम व्यवसाय मे किसी पार्टी से Advance Payment या Loan लेते हैं। तो ऐसे Ledgers को Loans (Liability) Group देते हैं। जैसे :-

Ledger Under Group 
Loans (Liability)Loan From Outside Party etc.

23. Provisions

उन सभी खातों (Ledgers) को Provisions Group देंगेे। जिनका भुगतान हमें भविष्य में करना होता है। जैसे :-

Ledger Under Group 
ProvisionsTDS Payable 
Audit Fees Payable 
All Type Payable 

24. Purchases Accounts

व्यवसाय मेे माल खरीदी (Goods Purchase) के सभी खातों (Ledgers) को Purchase Accounts Group देते हैै। तथा Purchase Return के खातों को भी यही Group दिया जाता हैै। जैसे :-

Ledger Under Group 
Purchase ReturnPurchase Interstate Nil Rated
Purchase Interstate
Purchase Local 
Purchase Local Nil Rated
Purchase (Composition)
 

25. Reserves & Surplus

आरक्षितयाँ और अधिशेष से संबधित खातों को Reserves & Surplus Group देंगे। जैसे :- 

Ledger Under Group 
Reserves & SurplusGeneral Reserve
All Type Reserve ect.

26. Sales Accounts

व्यवसाय में जो मॉल (Goods) बेचा जाता है। उन सभी खातों को Sales Accounts Group दिया जाता है। तथा Sales Return के खातों को भी यही Group दिया जाता है। जैसे :-

Ledger Under Group 
Sales AccountsSales Interstate 
Sales Local Nil Rated
Sales Interstate Nil Rated
Sale To Consumer
Sale Return etc.
 

27. Secured Loans

यदि व्यवसाय में हमने ऐसा कोई Loan लिया है। Bank को छोड़कर जिसमे कोई Security रखना होती है। तो उन सभी खातों (Ledgers) को Secured Loan Group देंगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Secured LoanCar Finance Loan 
Gold Loan
Bajaj Finance Loan etc.

28. Stock-in-Hand

व्यवसाय में Stock से संबधित खातों को Stock-in-Hand Group देंगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Stock-in-HandOpening Stock
Closing Stock

29. Sundry Creditors

व्यवसाय में जिन व्यक्ति, संस्था,फर्म या कंपनी आदि से हम उधार मॉल (Goods) खरीदते (Purchase) है। तथा जिन पार्टीओ को हमें पैसे देने होते है। उन सभी व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि के खातों (Ledgers) को Sundry Creditors Group देते है।

Ledger Under Group 
Sundry CreditorsRam A/c
ABC Pvt Ltd
XYZ Trading Company
A Company
Rahul A/c

30. Sundry Debtors

व्यवसाय में जिन व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि को  हम उधार मॉल (Goods) बेचते (Sales) है। तथा जिन पार्टीओ को हमें पैसे लेने होते है। उन सभी व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि के खातों (Ledgers) को Sundry Debtors Group देते है।

Ledger Under Group 
Sundry DebtorsABC Textiles 
X Traders
B Pvt Ltd

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31. Suspense A/c

यदि व्यवसाय में किसी Party का Payment या Receipt का पता नहीं होता है। तो ऐसे खातों को Suspense A/c Group देते है।

Ledger Under Group 
Suspense A/cAll Suspense Ledger

32. Unsecured Loans

व्यवसाय में हमने यदि किसी Friends या रिश्तेदार से लोन लिया हैै। तो उन सभी के खातों को Unsecured Loan Group देंगे। जैसे :-

Ledger Under Group 
Unsecured LoanLoan Give to Friends
Relatives and company Loan

Conclusion

नमस्कार दोस्तो आशा करता हु की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा जिंसमे मैंने आप को Tally Prime मे Ledger Group Selection कैसे करे। के बारे जानकारी दी है। साथ ही मैंने आप को Tally मे Group क्या होता है। के बारे मे भी समझाया है। दोस्तो यदि आप को Tally Prime मे किसी Ledger का Group Select करने मे प्रोब्लम आ रही है। तो आप मुझे Comment Box मे जरूर बताये। तथा पोस्ट को अपने दोस्तो मे शेयर जरूर करे ताकि उन्हे भी  Tally और Accounting से संबन्धित नयी-नयी जानकारी मिलती रहे। 

धन्यवाद………….

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2 thoughts on “Tally Prime Ledger Group Selection in Hindi 2023”

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