नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे आज हम सीखेंगे की Tally Prime मे Ledger को Group कैसे दे। दोस्तों यदि आप Tally Prime सीख रहे हैं। तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर हैं। क्योंकि आज हम Tally Prime मे Ledger Group Selection करना सीखेंगे। बहुत से New Tally User जिन्हें Tally Software का ज्ञान नहीं होता है। वे अक्सर Under Group Select करने मे Confused रहते हैं। की किस Ledger को कोन सा Group दे। जिससे कि Tally की सभी Report सही तरह से दिखाई दे। और आज हम इस पोस्ट मे Tally Group Selection की इस Problem को Solve करने वाले है। पर उससे पहले जानते हैं। की Ledger Group क्या है।
Tally Prime मे Group क्या है।
Tally Prime मे Group का अर्थ किसी Ledger के समुह से होता है। जिसमें एक ही प्रकृति और स्वभाव के खातों को एक Group मे रखा जाता है। जब हम Tally Prime मे किसी New Ledger को Create करते है। तो उसे एक Group दिया जाता है। ताकी वह ग्रुप के आधार पर अपनी सभी जगह पर जा सके।
यदि हम किसी Ledger को गलत Group देते हैं। तो हमे Tally Prime द्वारा Report भी गलत दिखाई जायगी। इसलिए दोस्तों Tally Prime सीखने से पहले आप को Tally Prime के Group Selection Process को जरूर पढ़ना चाहिए। ताकी आप Tally में आसानी से और Fast Work कर सके।
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Tally Prime Ledger Group Selection in Hindi
Tally Prime मे Total 28 Group होते हैं। जिसमें 15 Group Primary और 13 Group Sub-Primary होते हैं। और ईन Groups के Under मे जिन Ledgers को Create किया जाता है। उसकी List निम्न प्रकार है।
1. Bank Accounts
इस Group में सभी बैंक खातों को शामिल किया जाता है। बैंक लोन अकाउंट को छोड़कर। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Bank Accounts | Bank of Baroda A/c |
Bandhan Bank A/c | |
SBI A/c | |
Kotak Mahindra Bank A/c |
2. Bank OCC A/c
Bank OCC A/c यानि Bank open cash credit A/c इस Group में सभी Bank Loan OCC A/c को शामिल किया जाता है। यदि हमने किसी बैंक से लोन लिया है। तो उस खाते को Bank OCC A/c Group में शामिल किया जायगा। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Bank OCC | Punjab National Bank CC A/c |
Bank of Maharashtra Loan A/c | |
IDBI Bank Loan A/c |
3. Bank OD A/c
Bank OD A/c यानि Bank Overdraft A/c इस Group में सभी Bank Overdraft A/c को शामिल किया जाता है। यदि हमने किसी बैंक में खाते को Overdraft किया है। तो उसे इस Group में शामिल किया जाता हैै। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Bank OD | Bank of India OD A/c |
IDFC Bank OD A/c | |
ICICI Bank OD A/c | |
Union Bank OD A/c | |
Indian Bank OD A/c |
4. Branch/Divisions
यदि हमारी कंपनी में बड़े पैमाने पर काम होता है अर्थात हमारी कंपनी नई किसी अन्य क्षेत्र में भी Branch है। और हमें उन ब्रांचो से भी पैसा आता है। तो उस सभी Branch/Divisions से संबधित खातों को Branch/Divisions Group में रखा जाता है। इस ग्रुप का नेचर Asset होता है। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Branch/Divisions | ABC Textiles Surat A/c |
xyz Textiles Bhopal A/c | |
ABC Trading Company Burhanpur A/c |
5. Capital Account
इस Group में Company के मालिक के खातों (Ledgers) को शामिल किया जाता है। जैसे :- यदि किसी कंपनी का मालिक Shyam है। तो
Ledger | Under Group |
Capital Account | Shyam A/c |
6. Cash-in-Hand
Tally में पहले से ही Cash का Account बना होता है। फिर भी कभी – कभी कंपनी द्वारा Petty Cash का खाता बनाया जाता है। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Cash in Hand | Petty Cash A/c |
7. Current Assets
Current Assets जिसे हम चालू सम्पत्तिया भी है। यानि वे सभी प्रकार की सम्पत्तियाँ जिसे आसानी से cash मे बदला सकता है। Current Assets कहलाती है। यदि हमने किसी फर्म, कंपनी या व्यक्ति, को Advance Payment दिया है। तो उस Ledgers को हम Current Assets Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Current Assets | Prepaid Insurance Charges |
Mutual Fund | |
Prepaid Rent | |
Prepaid Maintenance Expense | |
All GST Ledger |
8. Current Liabilities
Current Liabilities जिसे हम चालू दायित्व भी कहते हैं। यदि हमने किसी फर्म, कंपनी या व्यक्ति आदि से कोई Advance Payment या Loan लिया है। तो उस Ledgers को हम Current Liabilities Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Current Liabilities | IGST Payable |
SGST Payable | |
CGST Payable | |
All Payable Ledger A/c |
9. Deposits (Asset)
यदि हमने हमारे व्यवसाय मे यदि कोई investment या कोई fix Deposits किया हो और हमे पता है कि इतने Year बाद हमारा investment पूरा होगा तो हम ऐसे Ledger को बनाते समय Deposits (Assets) Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Deposits (Assets) | Electricity Deposit |
Office Rent Deposit | |
Security Deposit | |
All Type Deposit Ledger | |
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10. Direct Expenses
यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात् ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Direct Expenses Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Direct Expenses | Transport Exp. |
Wages | |
Row Materials Expenses | |
Weaving Charges | |
Sizing Charges |
11. Direct Incomes
यदि व्यवसाय मे किसी तरह की प्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित हों तो ऐसी आय के Ledger बनाते समय Direct Income Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Direct Income | Transport Charges Income |
Freight Charges Income | |
All Income Form Service |
12. Duties & Taxes
व्यवसाय मे सभी प्रकार के Tax से संबंधित खातों (Ledgers) के लिए Duties & Tax Group दिया जाता है। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Duties & Tax | Input CGST |
Input SGST | |
Input IGST | |
Output CGST | |
Output SGST |
13. Expenses (Direct)
यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात् ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Expenses (Direct) Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Expenses (Direct) | Freight of Production |
Wages Expenses | |
Carriage Expenses | |
Power Expenses | |
Freight Expenses |
14. Expenses (Indirect)
Ledger | Under Group |
Expenses (Indirect) | Audit Fees |
Professional Charges | |
Salary | |
Postage & courier Expenses | |
Bank charges |
15. Fixed Assets
व्यवसाय मे उपस्थिति सभी प्रकार की स्थाई संपत्तियों के Ledgers बनाते समय Fixed Assets Group देगे। ये स्थाई सम्पत्तियाँ व्यवसाय के संचालन मे भी सहायक होती है। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Fixed Assets | Printer |
Land | |
Computer | |
Bike | |
Laptop |
16. Income (Direct)
यदि व्यवसाय मे किसी तरह की प्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित हों तो ऐसी आय के Ledger बनाते समय Income (Direct) Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Income (Direct) | Freight Charges Income |
Transport Charges Income | |
All Income Form Service |
17. Income (Indirect)
यदि व्यवसाय मे किसी तरह की अप्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित नहीं होती है। ऐसी आय के Ledger बनाते समय Income (Indirect) Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Income (Indirect) | Interest Received |
Discount Received |
18. Indirect Expenses
ऐसे खर्च जो व्यवसाय मे वस्तुओं केे खरीदते समय या वस्तुओं के उत्पादन से संबधित नहीं होते हैं। तो ऐसे खर्चों के Ledgers बनाते समय उन्हें Indirect Expenses Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Indirect Expenses | Depreciation Expenses |
Telephone charge | |
Bank charges | |
Tea & Water Expenses | |
Petrol Expenses | |
Interest Expense | |
Audit Fees | |
Professional Charges | |
Legal charge | |
Postage & courier Expenses | |
Legal Expenses/Charges | |
Salary Expenses |
19. Indirect Incomes
यदि व्यवसाय मे किसी तरह की अप्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) sale करने से संबंधित नहीं होती है। तो उन सभी आय के Ledgers बनाते समय Indirect Incomes Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Indirect Incomes | Interest Received |
Discount Received | |
Other Income Received |
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- Tally Prime मे Budget कैसे बनायें। Budget Management in Tally Prime
20. Investments
यदि व्यवसाय में हम कोई लंबी अवधि के लिए निवेश करते है। और हमे पता ही नहीं होता है कि इस निवेश से Profit होगा या Loss होगा। तो ऐसे निवेश (Investments) के खातों (Ledgers) को Investment Group देगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Investment | Mutual Fund |
Investment in Shares | |
Long term investment | |
Short Term Investment |
21. Loans & Advances (Asset)
यदि हम व्यवसाय मे किसी पार्टी को Advance Payment या Loan देते हैं। तो ऐसे Ledgers को Loans & Advances (Asset) Group देते हैं। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Loans & Advances (Asset) | Loan Give to Friends |
Relatives and company Loan |
22. Loans (Liability)
यदि हम व्यवसाय मे किसी पार्टी से Advance Payment या Loan लेते हैं। तो ऐसे Ledgers को Loans (Liability) Group देते हैं। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Loans (Liability) | Loan From Outside Party etc. |
23. Provisions
उन सभी खातों (Ledgers) को Provisions Group देंगेे। जिनका भुगतान हमें भविष्य में करना होता है। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Provisions | TDS Payable |
Audit Fees Payable | |
All Type Payable |
24. Purchases Accounts
व्यवसाय मेे माल खरीदी (Goods Purchase) के सभी खातों (Ledgers) को Purchase Accounts Group देते हैै। तथा Purchase Return के खातों को भी यही Group दिया जाता हैै। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Purchase Return | Purchase Interstate Nil Rated |
Purchase Interstate | |
Purchase Local | |
Purchase Local Nil Rated | |
Purchase (Composition) |
25. Reserves & Surplus
Ledger | Under Group |
Reserves & Surplus | General Reserve |
All Type Reserve ect. |
26. Sales Accounts
व्यवसाय में जो मॉल (Goods) बेचा जाता है। उन सभी खातों को Sales Accounts Group दिया जाता है। तथा Sales Return के खातों को भी यही Group दिया जाता है। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Sales Accounts | Sales Interstate |
Sales Local Nil Rated | |
Sales Interstate Nil Rated | |
Sale To Consumer | |
Sale Return etc. |
27. Secured Loans
यदि व्यवसाय में हमने ऐसा कोई Loan लिया है। Bank को छोड़कर जिसमे कोई Security रखना होती है। तो उन सभी खातों (Ledgers) को Secured Loan Group देंगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Secured Loan | Car Finance Loan |
Gold Loan | |
Bajaj Finance Loan etc. |
28. Stock-in-Hand
व्यवसाय में Stock से संबधित खातों को Stock-in-Hand Group देंगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Stock-in-Hand | Opening Stock |
Closing Stock |
29. Sundry Creditors
व्यवसाय में जिन व्यक्ति, संस्था,फर्म या कंपनी आदि से हम उधार मॉल (Goods) खरीदते (Purchase) है। तथा जिन पार्टीओ को हमें पैसे देने होते है। उन सभी व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि के खातों (Ledgers) को Sundry Creditors Group देते है।
Ledger | Under Group |
Sundry Creditors | Ram A/c |
ABC Pvt Ltd | |
XYZ Trading Company | |
A Company | |
Rahul A/c |
30. Sundry Debtors
व्यवसाय में जिन व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि को हम उधार मॉल (Goods) बेचते (Sales) है। तथा जिन पार्टीओ को हमें पैसे लेने होते है। उन सभी व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि के खातों (Ledgers) को Sundry Debtors Group देते है।
Ledger | Under Group |
Sundry Debtors | ABC Textiles |
X Traders | |
B Pvt Ltd |
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31. Suspense A/c
यदि व्यवसाय में किसी Party का Payment या Receipt का पता नहीं होता है। तो ऐसे खातों को Suspense A/c Group देते है।
Ledger | Under Group |
Suspense A/c | All Suspense Ledger |
32. Unsecured Loans
व्यवसाय में हमने यदि किसी Friends या रिश्तेदार से लोन लिया हैै। तो उन सभी के खातों को Unsecured Loan Group देंगे। जैसे :-
Ledger | Under Group |
Unsecured Loan | Loan Give to Friends |
Relatives and company Loan |
Conclusion
नमस्कार दोस्तो आशा करता हु की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा जिंसमे मैंने आप को Tally Prime मे Ledger Group Selection कैसे करे। के बारे जानकारी दी है। साथ ही मैंने आप को Tally मे Group क्या होता है। के बारे मे भी समझाया है। दोस्तो यदि आप को Tally Prime मे किसी Ledger का Group Select करने मे प्रोब्लम आ रही है। तो आप मुझे Comment Box मे जरूर बताये। तथा पोस्ट को अपने दोस्तो मे शेयर जरूर करे ताकि उन्हे भी Tally और Accounting से संबन्धित नयी-नयी जानकारी मिलती रहे।
धन्यवाद………….
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।