नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम बात करेगे की प्रमाणक (Voucher) क्या है। Voucher के विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, मह्त्व, उपयोगिता क्या है। दोस्तो यदि आप किसी व्यवसाय मे लेखापाल (Accountant) का कार्य करते है। तो आप को प्रमाणक का अर्थ जरूर जानना चाहिए क्योकि किसी भी व्यवसाय मे प्रमाणक (Voucher) किसी भी सोदे का लिखित सबूत होता है। जिसके आधार पर ही Accounting का कार्य शुरू किया जाता है। इसलिए दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम प्रमाणक (Voucher) के बारे मे विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करेगे।
प्रमाणक (Voucher) क्या है। : Pramanak ka arth
व्यवसायिक लेन-देनों (Business Transaction) की प्रमाणिकता को सिद्ध करने के लिए जिन दस्तावेजों का उपयोग किया जाता है। उसे प्रमाणक (Voucher) कहते हैं। इन्हें मूल प्रलेखो के आधार पर तैयार किया जाता है। ताकी लेखांकन के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके। क्योंकि प्रमाणक (Voucher) के आधार पर ही लेखांकन की प्रारंभिक जर्नल प्रविष्टियां की जाती है।
यदि व्यवसाय मे किसी Transitions को बिना Voucher के आधार पर Record किया गया है। तो उसे मान्य नहीं किया जाता है। व्यवसाय मे सामन्यतः प्रमाणक (Voucher) Accountant द्वारा तैयार किया जाता है। जिस पर एक क्रम संख्या लिखी होती है। तथा अंत में लेन-देन से संबंधित व्यक्ति के हस्ताक्षर लिये जाते है।
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प्रमाणको की विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, मह्त्व, उपयोगिता क्या है।
किसी व्यवसाय में Voucher के विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, मह्त्व, उपयोगिता निम्नलिखित होती है।
1. प्रमाणक (Voucher) एक सबूत (Evidence) होता है। जो सौदे की सत्यता को प्रकट करता है।
2. प्रमाणक पर क्रम संख्या लिखी होती है।
3. इस पर व्यापार के अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर होते हैं।
4. Vouchers को न्यायालय (Court) मे विवाद की स्थिति में सबूत के तोर पर प्रस्तुत किया जा सकता है।
5. प्रमाणक Audit के समय कर निर्धारण के लिए आवश्यक होते हैं।
6. Voucher एक लिखित प्रलेख होते हैं।
7. व्यवसाय में प्रमाणक किसी सौदे के पूर्ण विवरण को प्रस्तुत करते हैं। क्योकि इस पर सौदे से संबधित विवरण लिखा जाता है।
8. प्रमाणक (Voucher) एक काग़ज़ी पत्र होता है।
9. प्रमाणक के आधार पर ही लेखांकन की प्रारम्भिक प्रविष्टियां (Journal Entry) की जाती है।
10. प्रमाणक किसी सौदे की शुद्धता को प्रमाणित करता है।
11. प्रमाणक पर लेन-देन की तारीख, राशि, तथा हस्ताक्षर लिखी होती है।
Types of Voucher (प्रमाणक के प्रकार)
बिना प्रमाणक (Voucher) के आधार पर किए लेखे अस्पष्टता, भ्रम, त्रुटि या संदेह को प्रदर्शित करते हैं। इसलिए प्रमाणको को उनकी प्रकृति के आधार पर निम्न भागों मे बाटा गया है।
1. अनुमोदन प्रमाणक (Supporting Voucher)
2. लेखांकन प्रमाणक (Accounting Vouchers)
1. अनुमोदन प्रमाणक (Supporting Voucher)
ऐसे दस्तावेज या प्रलेख (Source Document) जो किसी सौदे के घटित होने की सत्यता को प्रमाणित करते हैं। उन्हें अनुमोदन प्रमाणक (Supporting Voucher) कहते हैं।
अनुमोदन प्रमाणक (Supporting Voucher) दो प्रकार के होते हैं।
A. बाह्य अनुमोदन प्रमाणक (External Supporting Voucher)
ऐसे प्रमाणक जो किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा तैयार किए जाते हैं। उसे बाह्य अनुमोदन प्रमाणक (External Supporting Voucher) कहते हैं।
जैसे –
- उधार क्रय (Credit Purchase) पर Invoice प्राप्त होना।
- जमा चिट्ठी (Credit Note)
- नाम चिट्ठी (Debit Note)
- विक्रेता से प्राप्त Cash Memo आदि।
B. आंतरिक प्रमाणक (External Supporting Voucher)
ऐसे प्रमाणक (Voucher) जो व्यवसायिक फर्म द्वारा तैयार किए जाते हैं। एव बाहरी व्यक्ति द्वारा स्वीकार किये जाते हैं। तो ऐसे प्रमाणक (Voucher) आंतरिक प्रमाणक (External Supporting Voucher) कहलाते हैं।
जैसे –
- बैंक मे जमा की पर्ची व्यवसायी इकाई द्वारा तैयार की जाती है। तथा बैंक इस पर सील व हस्ताक्षर करके स्वीकार करती है।
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2. लेखांकन प्रमाणक (Accounting Vouchers)
लेखांकन प्रमाणक लेखापाल (Accountant) द्वारा तैयार किये जाते हैं। ये अनुमोदक प्रमाणक के दितीय प्रमाणक (Secondary Voucher) होते हैं। लेखांकन प्रमाणक (Accounting Vouchers) के आधार पर ही लेखा पुस्तकों मे प्रारंभिक Journal Entry की जाती है।
लेखांकन प्रमाणक (Accounting Vouchers) दो प्रकार के होते हैं।
A. रोकड़ प्रमाणक (Cash Voucher)
नगद प्राप्ति (Receipt) या भुगतान (Payment) के समय तैयार किये जाने वाले Voucher Cash Voucher (रोकड़ प्रमाणक) कहलाते है। Cash Voucher मे Cheque द्वारा प्राप्तियां या भुगतान को भी शामिल किया जाता है।
रोकड़ प्रमाणक (Cash Voucher) के दो प्रकार होते हैं।
(i) नाम प्रमाणक (Debit Voucher)
Debit Voucher रोकड़ भुगतान (Cash Payment) का एक पक्का साक्ष्य (Documentary Evidence) होता है। अर्थात जब भी हम व्यवसाय मे किसी व्यक्ति को Cash Payment करते है। तो उससे सौदे के सम्बंध में एक Debit Voucher पर Signature करवा लेते हैं।
जैसे –
- खर्चो का भुगतान करने के लिए (All Expenses Payment Voucher)
- नगद Goods Purchase करने के लिए
- Bank मे Cash जमा करने के लिए
(ii) जमा प्रमाणक (Credit Voucher)
ऐसे प्रमाणक जो व्यवसाय मे नगद प्राप्तियों के समय बनाये जाते हैं। जमा प्रमाणक (Credit Voucher) कहलाते हैं।
जैसे –
- बैंक से Cash निकालने पर।
- देनदारो से भुगतान प्राप्त होने पर।
- नगद Goods Sale करने पर।
B. गैर-रोकड़ प्रमाणक (Non-Cash Voucher)
ऐसे प्रमाणक जो गैर-रोकड़ व्यवहारों या अशुद्धियों के संशोधन (Rectification of errors) के लिए बनाये जाते हैं। गैर-रोकड़ प्रमाणक (Non-Cash Voucher) कहलाते हैं। ईन प्रमाणको को हस्तांतरण प्रमाणक या आंतरिक प्रमाणक (Transfer Voucher) के नाम से भी जाना जाता है।
जैसे –
- क्रय-विक्रय वापसी प्रमाणक।
- बट्टा के लिए बनाया गया प्रमाणक।
- हास के लिए बनाया गया प्रमाणक।
Conclusion
नमस्कार दोस्तो उम्मीद करता हु। की आप को मेरा लेख बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान भाषा मे बताया कि प्रमाणक (Voucher) क्या है। Voucher के विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, मह्त्व, उपयोगिता क्या है। दोस्तों यदि आप को इस लेख में किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं।
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।