नमस्कार दोस्तो पिछली पोस्ट मे हमने प्राप्ति एव भुगतान खाता क्या है। तथा इसकी विशेषताओ के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की थी। जिसके कारण बहुत से फ्रेंड्स का कहना था की हमे सर हमे Income and Expenditure Account क्या है। तथा आय और व्यय खाता की विशेषताएँ क्या है। के बारे मे भी जानकारी दीजिये। ताकि हम परीक्षा मे आने वाले प्रश्नो को आसान भाषा मे लिख सके। इसलिए दोस्तो आज मे आप को आय और व्यय खाते की सम्पूर्ण जानकारी हिन्दी मे देने वाला हु। इसलिए आप पोस्ट को शुरू से End तक जरूर पढे।
आय एव व्यय खाता क्या है। | What is Income and Expenditure Account
किसी पेशेवर व्यक्ति या गैर व्यापारिक संस्थाओ द्वारा रखी जाने वाली रोकड़ बही या प्राप्ति एव भुगतान खाते से य़ह जानकारी प्राप्त नहीं होती है। की एक निश्चित समय मे व्यवसाय को लाभ हो रहा है हानि। क्योंकि इसका मुख्य कारण य़ह है कि इसमे उधार लेन-देनों का लेखा नहीं किया जाता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए गैर-व्यापारिक संस्थाओ द्वारा एक आय एव व्यय खाता बनाया जाता है। जिससे संस्था को ज्ञात हो जाता है। की एक वर्ष में आय अधिक हो रही है। या व्यय अधिक हो रहा है।
डावर के अनुसार – आय एव व्यय खाता वास्तव मे लाभ – हानि खाता है। परन्तु गैर-व्यापारिक संस्थाओ द्वारा लाभ-हानि खाता नहीं बनाया जाता है। अतः उनके खाते को आय एव व्यय खाता कहा जाता है।
आय एव व्यय खाते की विशेषताएँ 2024
आय और व्यय खाते की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है।
1. प्रकृति – Income and Expenditure Account नाममात्र खाते की प्रकृति का होता है।
2. व्यय डेबिट पक्ष में – इस खाते के Debit पक्ष मे समस्त व्ययों का लेखा किया जाता है।
3. आय क्रेडिट पक्ष में – इस खाते के Credit पक्ष में समस्त आय का लेखा किया जाता है।
4. अदत्त एव पूर्वदत्त व्यय – आय एव व्यय खाता बनाते समय अदत्त व्यय जोड़ दिए जाते हैं। और पूर्वदत्त व्ययों को घटा दिया जाता है।
5. आयगत मदे – इसमे केवल चालू वर्ष की आयगत प्राप्ति एव व्ययों का लेखा किया जाता है।
6. आय – इस खाते मे जो भी अग्रिम आय होती है। उसे घटा दिया जाता है। और जो भी अप्राप्य आय होती है। उसे जोड़ दिया जाता है।
7. पूंजीगत प्राप्तियां – गैर व्यापारिक संस्थाओ को जो भी पूंजीगत प्राप्तिया होती है। या पूंजीगत भुगतान किया जाता है। उसका लेखा इस खाते में नहीं किया जाता है।
8. शेष – आय का व्ययो पर आधिक्य Surplus (आधिक्य) कहलाता है। व व्ययों का आय पर आधिक्य Deficiency (कमी) कहलाती है।
9. चिट्ठा बनाना – आय एव व्यय खाते का निर्माण लाभ – हानि खाते के समान ही किया जाता है। अतः इसके आधार पर चिट्ठा भी बनाया जा सकता है।
10. कोई रोकड़ शेष नहीं – इस खाते के अंत मे कोई रोकड़ शेष नहीं बचता है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तों आशा करता हू की आप को मेरा पोस्ट बेहद पसंद आया होगा जिसमें मैंने आप को बहुत ही आसान शब्दों में बताया कि आय एव व्यय खाता क्या है। इसकी विशेषताएँ क्या है। दोस्तों यदि आप को Post मे किसी Topic को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comments Box मे पूछ सकते हैं।
धन्यवाद….
इन्हे भी पढे :-
- अलाभकारी संस्था के आय और व्यय के मुख्य स्रोत क्या है।
- गैर व्यवसायिक संस्थाओ का लेखांकन
- अलाभकारी संगठन क्या है। और इसके उदाहरण।
- दोहरा लेखा प्रणाली का इतिहास क्या है।
हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।