नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे आज हम संचय और आयोजन मे अन्तर (Different between Provision and Reserve) ज्ञात करेगे। दोस्तों यदि आप 11 Class की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर Accounting सीख रहे हैं। तो आप को आयोजन और संचय में अन्तर जरूर जानना चाहिए। क्योंकि बहुत सी Company’s मे संचय और आयोजन का विशेष महत्व होता है। तथा ईन दोनो का Company मे निर्माण करने का कारण भी अलग-2 होता है। परंतु बहुत से छात्रों को ईन दोनों मे ठीक से अन्तर ज्ञात नहीं होता हैं। जिस कारण वे आयोजन और संचय से संबधित प्रश्न लिखने मे गलती कर देते हैं। तो चलिए दोस्तों देरी ना करते हुए सबसे पहले संचय और आयोजन का अर्थ जानते हैं।
संचय का अर्थ क्या है | Meaning and Definition of Reserve
व्यवसाय को होने वाले लाभ (Profit) मे से यदि कोई राशि व्यवसाय के हित के लिए या किसी ज्ञात तथा अज्ञात दायित्व को पूरा करने के लिए सुरक्षित रखी जाती है। तो उसे संचय कहते हैं।
आयोजन का अर्थ | Meaning and Definition of Provision
यदि व्यवसाय की सम्पत्तियों के हास, नवीकरण अथवा उसके मूल्य में आने वाली कमी को दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष के लाभ मे से कोई राशि पहले से ही रोक कर रखी जाती है। तो उसे संचय ना कहकर आयोजन (Provision) कहा जाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आयोजन राशि का उपयोग ज्ञात दायित्वों को पूरा करने के लिए किया जाता है।
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आयोजन और संचय में अन्तर अथवा प्रावधान और संचय में अन्तर
(Different between Provision and Reserve)
1. जब कोई धनराशि किसी ज्ञात दायित्व (Liabilities), जिसकी राशि अज्ञात है। तथा हास (Depreciation) या नवीनीकरण के कारण सम्पत्ति के मूल्य में आनी वाली कमी को दूर करने के लिए अलग कि जाती है। तो उसे आयोजन या प्रावधान कहते हैं। जबकि कार्यशील पूँजी मे वृद्धि तथा व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए वर्ष के लाभ मे से अलग कि जाने वाली धनराशि को संचय (Reserve) कहते हैं।
2. आयोजन किसी विशेष उद्देश के लिए बनाया जाता है। जबकी संचय बनाने के कोई विशेष उद्देश नहीं होता है।
3. इसे व्यवसाय के लाभांश के रूप में नहीं बांटा जा सकता है। जबकी संचय को लाभांश के रूप में बांटा जा सकता है।
4. आयोजन करने से लाभ कम हो जाता है। क्योंकि इसका निर्माण लाभ-हानि खाते (Profit and Loss Account) से किया जाता है। जबकी इसका निर्माण लाभ-हानि नियोजन खाते से किया जाता है। जिससे विभाजन किए जाने वाले लाभ मे कमी आ जाती है।
5. आयोजन या प्रावधान की धनराशि को संचय खाते में अंतरित नहीं किया जाता है। जबकी संचय की जाने वाली धनराशि को आवश्यकता पढ़ने पर प्रावधान खाते में अंतरित किया जा सकता है।
6. व्यवसाय को लाभ हो या हानि इसे बनाना अनिवार्य होता है। जबकी इसे लाभ होने पर ऐच्छिक रूप से बनाया जाता है।
7. आयोजन का उपयोग केवल सम्बंधित दायित्व व हानि की पूर्ति के लिए किया जाता है। जबकी संचय का उपयोग किसी भी प्रकार की हानि की पूर्ति के लिए किया जाता है।
8. इसकी राशि को बैलेंस शीट के सम्पत्ति पक्ष के सम्बंधित सम्पत्ति मे से घटा कर दिखाया जाता है। जबकी संचय को दायित्व पक्ष में दिखाया जाता है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तो उम्मीद करता हु। की आप को मेरा लेख बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान भाषा मे बताया कि आयोजन और संचय में अन्तर क्या है। दोस्तों यदि आप को इस लेख में किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं।
धन्यवाद……….
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।