नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम अकाउंटिंग के गोल्डन रूल्स के बारे मे जानकारी प्राप्त करगे। जिसमे हम सीखेगे की की Accounting के Golden Rules क्या है। तथा इन Golden Rules का उपयोग कैसे किया जाता है। दोस्तो यदि आप Accounting फील्ड मे अपना करियर बनाना चहये है। तो यह पोस्ट आप के लिए बहुत Helpful रहने वाला है। क्योकि इस पोस्ट मे आज हम अकाउंटिंग गोल्डन रूल्स को उदाहरण के साथ सीखने वाले है। इसलिए आप को शुरू से End तक जरूर पढे।
Accounting के Golden Rules क्या है।
लेखांकन (Accounting) के अंतर्गत प्रतिदिन होने वाले सोदौ (Transitions) को जर्नल एंट्री के द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है। और इस जर्नल एंट्री को करने के लिए जिन नियमो को अपनाया जाता है। उन्हें Accounting के Golden Rules या अकाउंटिंग के सुनहरे नियम कहते हैं।
साधारण भाषा में कहें तो Journal Entry करते समय उपयोग किए जाने वाले Rules (नियम) Accounting के Golden Rules होते हैं।
क्योंकि ईन Golden Rules से ही हमे ज्ञात होता है। की किसी खाते को कब Debit या कब Credit करना है। तथा किसी खाते की प्रकृति क्या है।
दोस्तों Accounting के Golden Rules सीखने से पहले हम खाते (Account) का अर्थ तथा खाते की परिभाषा को समझ लेते हैं।
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लेखांकन के 3 सुनहरे नियम।
1. Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
2. Real Account (वास्तविक खाता )
3. Nominal Account (नाममात्र खाता)
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1. Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
जो खाते किसी व्यक्ति का प्रतिनिधित्व (Representation) करते है। या किसी संस्था या व्यक्ति को परिभाषित करते हैं। तो ऐसे खाते व्यक्तिगत खाते -(Personal Account) कहलाते हैं।
साधारण भाषा में हम कह सकते हैं। की किसी व्यक्ति, संस्था, कंपनी, बैंक, बीमा कंपनी आदि के खाते व्यक्तिगत खाते होते हैं।
व्यक्तिगत खाता को तीन श्रेणियों मे विभाजित किया गया है।
(i) अकृत्रिम व्यक्तियों के खाते (Natural Personal Account ) (ii) कृत्रिम व्यक्तियों के खाते (Artificial Personal Account ) (iii) प्रतिनिधि व्यक्तियों के खाते ( Representative Personal Account )
(i) अकृत्रिम व्यक्तियों के खाते (Natural Personal Account )
जब व्यापार में किसी व्यक्ति विशेष के साथ कोई लेन-देन होता है। तो उसे अकृत्रिम व्यक्तियों के खाते कहते हैं। जैसे – राम, श्याम, चेतन, विकास आदि।
अकृत्रिम व्यक्तियों के खाते के उदाहरण
राम का खाता श्याम का खाता केशव का खाता यश का खाता सागर का खाता राज का खाता नीतेश का खाता पूँजी खाता (व्यवसाय के स्वामी का खाता) बैंक अधिविकर्ष खाता आहरण खाता आदि।
(ii) कृत्रिम व्यक्तियों के खाते (Artificial Personal Account )
जब व्यापार में किसी व्यक्ति कृत्रिम (Transaction) के साथ कोई लेन-देन होता है। तो उसे कृत्रिम व्यक्तियों के खाते कहते हैं। जैसे -किसी कंपनी का खाता, किसी बैंक का खाता, बीमा कंपनी का खाता, सरकारी विभाग का खाता आदि।
कृत्रिम व्यक्तियों के खाते के उदाहरण
कंपनी का खाता सार्वजनिक उपक्रम का खाता शिक्षण संस्थान का खाता बीमा कंपनी का खाता सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट का खाता बैंक का खाता साझेदारी फर्म का खाता समाज सेवा संस्थान का खाता सामाजिक संगठन का खाता आदि।
(iii) प्रतिनिधि व्यक्तियों के खाते ( Representative Personal Account )
जब व्यापार मे कोई खाता किसी व्यक्ति विशेष का प्रतिनिधित्व करता है। तो उसे प्रतिनिधि व्यक्तियों के खाते में शामिल किया जाता है। जैसे – अदत्त किराया या पूर्वदत्त किराया, आदत्त वेतन आदि।
प्रतिनिधि व्यक्तियों के खाते के उदाहरण
पूर्वदत्त वेतन का खाता अदत्त वेतन का खाता उपार्जित ब्याज का खाता पूर्व प्राप्त ब्याज का खाता अनुउपार्जित किराया का खाता अदत्त प्रीमियम का खाता अदत्त दावे का खाता पूर्व प्राप्त प्रीमियम का खाता आदि।
Personal Account (व्यक्तिगत खाता) के नियम
व्यक्तिगत खाते के निम्नानुसार पाने वाले के खाते को Debit एव देने वाले के खाते को Credit किया जाता है।
Receiver – Debit (Dr.) Giver – Credit (Cr.) पाने वाला – नामे देने वाला – जमा
Personal Account Example
1. राम ने श्याम को 1000 रू दिया। इस उदाहरण मे राम और श्याम दोनों ही व्यक्तिगत खाता है। इसलिए श्याम रुपये पाने वाला Debit होगा। तथा राम देने वाला Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
10-07-2023 | Shyam A/c Dr. | 1000.00 | ||
To Ram A/c | 1000.00 | |||
(राम ने श्याम को रुपये दिए) |
2. राम को माल बेचा। 2500 रू इस उदाहरण मे राम को उधार माल बेचा है। अर्थात राम व्यक्तिगत खाता है। इसलिए राम (पाने वाला) का खाता Debit होगा। तथा माल (Goods) वास्तविक खाता (Real Account) है। इसलिए Goods Sale खाता (जो वस्तु जाये) Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
11-07-2023 | Ram A/c Dr. | 2500.00 | ||
To Goods Sale A/c | 2500.00 | |||
(राम को माल बेचा।) |
3. श्याम से माल खरीदा। 6000 रू इस उदाहरण मे श्याम देने वाला है। इसलिए श्याम का खाता Credit होगा। तथा Goods वास्तविक खाता है। इसलिए Goods Purchase खाता (जो वस्तु आये) Debit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
12-07-2023 | Goods Purchase A/c Dr. | 6000.00 | ||
To Shyam A/c | 6000.00 | |||
(श्याम से माल खरीदा।) |
2. Real Account (वास्तविक खाता )
वास्तविक खाते मे उन सभी वस्तुओं को शामिल किया जाता है। जिन्हें मुद्रा मे मापा जा सकता है। अर्थात जिनका मूल्य होता है। व्यवसाय में जितनी भी सम्पत्तियाँ और धन (Cash) है। उनके खाते वास्तविक खाते होते हैं।
वास्तविक खाते को दो श्रेणियों मे विभाजित किया गया है।
(i) मूर्त या दृश्य वास्तविक खाते ( Tangible Accounts )
(ii) अमूर्त या अदृश्य वास्तविक खाते ( Intangible Accounts )
(i) मूर्त या दृश्य वास्तविक खाते ( Tangible Accounts )
जिन वस्तुओं का भौतिक (Physical) स्वरुप होता है। या जिनको खरीदा या बेचा जा सकता है।, छुआ जा सकता है।, मापा जा सकता है।, अनुभव किया जा सकता है। उन सभी वस्तुओं को मूर्त या दृश्य वास्तविक खाते में शामिल किया जाता है।
मूर्त या दृश्य वास्तविक खाते के उदाहरण
मशीनरी खाता भवन एव बिल्डिंग का खाता भूमि खाता फर्निचर खाता कंप्युटर खाता रोकड़ खाता (Cash Account) क्रय खाता (Purchase Account) विक्रय खाता (Sale Account) क्रय वापसी खाता (Purchase Return Account) विक्रय वापसी खाता (Sale Return Account)
(ii) अमूर्त या अदृश्य वास्तविक खाते ( Intangible Accounts )
ऐसे खाते जिनको ना तो छुआ जा सकता है। और ना ही स्पर्श किया जा सकता है। फिर भी उनका मौद्रिक मूल्य होता है। तो ऐसे खातों को अमूर्त या अदृश्य वास्तविक खाते कहते हैं।
अमूर्त या अदृश्य वास्तविक खाते के उदाहरण
व्यापार चिन्ह खाता ख्याति खाता Copy right पेटेंट आदि।
Real Account (वास्तविक खाता) के नियम
वास्तविक खाते के नियमानुसार जो भी वस्तु व्यवसाय मे आयी है। उसके खाते को Debit किया जाता है। और जो भी वस्तु व्यवसाय से जाती है। उसके खाते को Credit किया जाता है।
Debit what come in – Debit (Dr.) Credit what goes out – Credit (Cr.) जो वस्तु या सम्पत्ति व्यापार मे आए उसे – नामे जो वस्तु या सम्पत्ति व्यापार से जाए उसे – जमा
Real Account Example
1. नगद माल खरीदा। – 8000 रू इस उदाहरण मे Cash और Goods दोनों ही Real Account है। इसलिए Goods Purchase खाता (जो आए) Debit होगा। तथा Cash खाता (जो जाए) Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
14-07-2023 | Goods Purchase A/c Dr. | 8000.00 | ||
To Cash A/c | 8000.00 | |||
(नगद माल खरीदा।) |
2. वेतन चुकाया। – 9000 रू इस उदाहरण मे वेतन (Salary) खाता नाममात्र का खाता है। तथा Cash खाता Real Account है। इसलिए वेतन खाता (सभी खर्च) Debit होगा। तथा Cash खाता (जो जाए) Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
15-07-2023 | Salary A/c Dr. | 9000.00 | ||
To Cash A/c | 9000.00 | |||
( नगद वेतन चुकाया।) |
3. बैंक मे जमा किए – 10000 रू इस उदाहरण मे बैंक खाता व्यक्तिगत खाता है। इसलिए बैंक खाता (पाने वाला) Debit होगा। तथा Cash खाता वास्तविक खाता है। इसलिए Cash खाता (जो जाये) Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
16-07-2023 | Bank A/c Dr. | 10000.00 | ||
To Cash A/c | 10000.00 | |||
(बैंक मे रुपए जमा किए) |
3. Nominal Account (नाममात्र खाता)
व्यवसाय मे जितने भी आय (Income) और व्यय (Expenses) से संबधित खाते होते हैं। उन्हें अवास्तविक खाते कहते हैं। अवास्तविक खातों को नाममात्र खाता और Nominal Account के नाम से भी जाना जाता है।
नाममात्र खाता के उदाहरण
वेतन खाता किराया खाता ब्याज खाता कमीशन खाता बीमा खाता धर्मादा खाता ह्रास खाता बिजली व्यय खाता विज्ञापन खाता कर खाता बट्टा खाता मजदूरी खाता डूबत ऋण खाता कानूनी खर्च खाता आदि।
Nominal Account (नाममात्र खाता) के नियम
नाममात्र खाते के नियमानुसार व्यवसाय में जितने भी ख़र्चे (Expenses) या हानि (Loss) होती हैं। उनके खाते Debit किये जाते है। और जितने भी आय (Income) या लाभ (Profit) होते हैं। उनके खाते Credit किये जाते है।
Debit all Expenses and Losses – Debit (Dr.) Credit all Income and Gains – Credit (Cr.) सभी व्यय और हानि – नामे सभी आय और लाभ – जमा
Nominal Account Example
1. Commission दिया। – 8000 रू इस उदाहरण मे Commission खाता एक खर्च है। इसलिए Commission खाता (सभी खर्च) Debit होगा। तथा Cash खाता (जो जाये) Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
17-07-2023 | Commission A/c Dr. | 8000.00 | ||
To Cash A/c | 8000.00 | |||
(कमिशन दिया।) |
2. वेतन प्राप्त हुआ। – 12000 रू इस उदाहरण मे Cash खाता Real Account है। इसलिए Cash खाता (जो आये) Debit होगा। तथा वेतन हमे प्राप्त हो रहा है। इसलिए वेतन खाता Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
18-07-2023 | Salary A/c Dr. | 12000.00 | ||
To Cash A/c | 12000.00 | |||
(वेतन प्राप्त हुआ।) |
3. Rent चुकाया। – 7500 रू इस उदाहरण मे Rent Account एक (Expenses) है। इसलिए Rent Account (सभी खर्च और हानि) Debit होगा। तथा Cash Account (जो जाये) Credit होगा।
Date | Particular | L/F | Debit Amount | Credit Amount |
19-07-2023 | Rent A/c Dr. | 7500.00 | ||
To Cash A/c | 7500.00 | |||
(किराया दिया।) |
Note :- Journal या रोजनामचा में Entry करते समय नाम (Debit) को पहले एव जमा (Credit) को उसके बाद लिखा जाता है।
Account के प्रकार
Account के तीन प्रकार होते है। जो इस चित्र मे बताये गए है।
Conclusion
दोस्तो इस पोस्ट मे हमने Accounting Golden Rules के बारे मे जानकारी प्राप्त की तथा देखा की किस प्रकार Accounting के नियमो को जर्नल एंट्री पर लागू किया जाता है। दोस्तो यदि आप को पोस्ट मे किसी टॉपिक को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते है। तथा इस लेख को Social Network जैसे – WhatsApp, Instagram, Facebook, Twitter आदि के माध्यम से अपने दोस्तो मे Share जरूर करे। ताकी अन्य लोगों को भी Accounting से संबधित सभी प्रकार की जानकारी समय -समय पर मिलती रहे।
धन्यवाद………
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।