नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में हम रोकड़ बही तथा इसके प्रारूप के बारे में बात करेंगे। तथा साथ ही हम रोकड़ बही के प्रकारो के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। दोस्तों किसी भी व्यापार में रोकड़ का हिसाब रखना बहुत आवश्यक होता है। नहीं तो व्यापार में हानि हो सकती है। इसलिए व्यापारी रोकड़ का हिसाब रखने के लिए विभिन रोकड़ बहियो का उपयोग करता है। जिसमे रोकड़ प्राप्ति और भुगतान का तिथिवार लेखा किया जाता है। तो चलिए दोस्तों सबसे पहले हम रोकड़ बही के बारे में जानते है।
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रोकड़ बही क्या है। रोकड़ बही के प्रकार। |
रोकड़ बही (Cash Book) क्या है।
जिस बही में रोकड़ संबंधी लेन-देनो का लेखा किया जाता है। उस बही को रोकड़ बही (Cash Book) कहते है।
रोकड़ बही (Cash Book) किसी व्यापार की एक महत्वपूर्ण सहायक बही होती है। जो प्रायः छोटे व बड़े सभी प्रकार के व्यापारियों के यहाँ रखी जाती है। जिसमे व्यापार में होने वाले प्रतिदिन नगद लेन-देनो का हिसाब रखा जाता है। फिर चाहे वह आय-व्यय से या क्रय-विक्रय से या सम्पत्ति व दायित्वो से सम्बंधित हो।
साधारण भाषा में हम कह सकते है। की रोकड़ बही (Cash Book) में उन सभी व्यवहारों का लेखा किया जाता है। जिसके कारण व्यापार में रोकड़ प्राप्त आती है। या रोकड़ का भुगतान किया जाता है। उधार व्यवहारों का लेखा इस बही में नहीं किया जाता है।
रोकड़ बही (Cash Book) के प्रकार।
1. साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book)
2. द्विस्तम्भीय रोकड़ बही (Double Columm Cash Book)
3. त्रिस्तम्भीय रोकड़ बही (Triple Columm Cash Book)
4. खुदरा या लघु रोकड़ बही (Petty Cash Book)
1. साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book)
साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book) से आशाएं ऐसी बही से है। जिसमें समस्त रोकड़ प्राप्तियों और रोकड़ भुगतानों का लेखा किया जाता है।
साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book) के दोनों पक्षों मे राशि का एक-एक खाना होता है। इसलिये ईसे एक खाने वाली रोकड़ बही भी कहते हैं।
साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book) उन व्यापरियों के लिए उपयुक्त है। जिनका व्यापार सीमित होता है। क्योंकि इस बही मे बैंक व डिस्काउंट का लेखा नहीं किया जाता है।
रोकड़ बही क्या है। रोकड़ बही के प्रकार। |
2. द्विस्तम्भीय रोकड़ बही (Double Columm Cash Book)
द्विस्तम्भीय रोकड़ बही (Double Columm Cash Book) से आशय ऐसी बही से है। जिसमें दो खाने होते हैं।
द्विस्तम्भीय रोकड़ बही (Double Columm Cash Book) के तीन प्रकार होते हैं।
A. रोकड़ व बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही (Cash Book with Cash and Discount Column)
B. रोकड़ व बैंक स्तम्भीय रोकड़ बही (Cash Book with Cash and Bank Column)
C. बैंक व बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही (Cash Book with Bank and Discount Column)
A. रोकड़ व बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही (Cash Book with Cash and Discount Column)
ईस बही के डेबिट और क्रेडिट अर्थात प्राप्ति और भुगतान दोनों पक्षों के राशि के खाने के साथ-साथ एक बट्टे का खाना अलग से होता है। जिसमें रोकड़ व्यवहारों के साथ दिया जाने वाला बट्टा तथा प्राप्त होने वाले बट्टे का लेखा किया जाता है। इसलिए ईस बही को रोकड़ व बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही कहते है।
रोकड़ बही क्या है। रोकड़ बही के प्रकार। |
B. रोकड़ व बैंक स्तम्भीय रोकड़ बही (Cash Book with Cash and Bank Column)
ईस बही मे प्राप्ति और भुगतान दोनों पक्षों के रकम के खाने के साथ एक खाना अलग से बैंक का होता है। जिसमें बैंक संबंधित व्यवहारों का लेखा किया जाता है। इसलिए इस बही को रोकड़ व बैंक स्तम्भीय रोकड़ बही कहते हैं।
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C. बैंक व बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही (Cash Book with Bank and Discount Column)
आज के ईस व्यापारिक युग में कोई भी व्यापारी जोखिम नहीं उठाना चाहता है। इसलिए वह रोज प्राप्त होने वाली रोकड़ को उसी दिन बैंक मे जमा कर देता है। तथा अपने द्वारा किए जाने वाले सभी भुगतान चेक के माध्यम से करता है। इसके लिए वह बैंक व बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही का उपयोग करता है। जिसमें रकम के खाने के स्थान पर बैंक एव बट्टे का खाना होता है।
इस प्रकार की रोकड़ बही को बैंक रोकड़ बही भी कहा जाता है।
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3. त्रिस्तम्भीय रोकड़ बही (Triple Columm Cash Book)
ईस बही में डेबिट और क्रेडिट दोनों पक्षों के रकम के खाने के साथ बैंक एव बट्टे का खाना अलग से होता है। इस तरह रकम, बैंक और बट्टे के खाने होने के कारण इसे त्रिस्तम्भीय रोकड़ बही कहते हैं।
इस बही को तीन खाने वाली रोकड़ बही तथा रोकड़, बैंक और बट्टा स्तम्भीय रोकड़ बही के नाम से भी जाना जाता है।
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4. खुदरा या लघु रोकड़ बही (Petty Cash Book)
लघु रोकड़ बही का उपयोग उन व्यापारियों द्वारा किया जाता है। जिनका व्यापार बड़ा होता है। तथा जहाँ पर दैनिक छोटे-छोटे खर्चे ज्यादा होते है। यदि छोटे-छोटे खर्चो को रोकड़ बही में लिखा जाये तो रोकड़ बही का आकर बहुत बढ़ जायगा। तथा रोकड़िये की गलती होने की सम्भावना भी बढ़ जायगी।
ऐसे में व्यापारी एक लघु रोकड़िये को रखता है। जो दिन भर में होने वाले छोटे-छोटे खर्चो को लघु रोकड़ बही में लिखता है। जिसे छोटी रोकड़ बही भी कहते है।
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नमस्कार दोस्तों आशा करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। दोस्तों यदि आप को पोस्ट से सम्बंधित किसी बात को समझने में परेशानी होती है। तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। और यदि आप इसी तरह Accounting से सम्बंधित पोस्ट निरंतर प्राप्त करता चाहते है। तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो कर सकते है।
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।