नमस्कार दोस्तों पिछली पोस्ट में हमने पढ़ा था कि अलाभकारी संगठन और गैर व्यापारीक संस्था क्या है। और इस आर्टिकल मे आज हम गैर-व्यवसायिक संस्थाओ के लेखांकन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। ताकी आप परिक्षा मे आने वाले प्रश्नो को आसानी से हल कर सके।
गैर व्यवसायिक संस्थाओ का लेखांकन (Accounting for Non Profit Organization)
अलाभकारी संगठन और गैर व्यवसायिक संस्थाओ का उद्देश्य लाभ अर्जित करना नहीं होता है। इसलिए एसी संस्थाओ को दोहरा लेखा प्रणाली (Double Entry system) के अनुसार Accounting करना अनिवार्य नहीं होता है। और ना इन्हें लाभ-हानि खाता और आर्थिक चिट्ठा बनाना आवश्यक होता है।
ईन संगठनों को जो आय प्राप्त होती है वह सदस्यों के चंदे से, प्रवेश शुल्क से, सरकारी सहायता से, लोगों से प्राप्त दान आदि से प्राप्त होती है। ये संगठन लाभ कमाने के लिए कुछ व्यय भी करती है। ताकी अधिक लाभ अर्जित कर करे।
धीरे-धीरे ये संस्थाएं सरकारी बन जाती है। इसलिए ईन संस्थाओ को अपने लेखे सरकार, सदस्यों, समाज, दानदाताओ आदि को प्रस्तुत करने होते हैं। जिससे उन्हें निम्नलिखित बातों का ज्ञान होता है।
1. वित्तीय वर्ष मे किन-किन लोगों से आय प्राप्त हुई है।
2. वित्तीय वर्ष मे किन-किन मदों पर कितना व्यय हुआ है।
3. एक वित्तीय वर्ष में कितना लाभ और हानि हुई है।
4. वित्तीय वर्ष के अंत में सम्पत्ति और दायित्व की स्थिति क्या है।
ईन सभी बातों की जानकारी के लिए ईन संस्थाओ द्वारा रोकड़ पद्धति (Cash System) अपनाई जाती है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तों आशा करता हू। की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मैंने आप को बहुत ही आसान Steps मे बताया कि गैर व्यवसायिक संस्थाओ का लेखांकन क्या है। दोस्तो यदि आप को इस पोस्ट मे किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं।
इन्हे भी पढे :-
- अलाभकारी संगठन क्या है। और इसके उदाहरण।
- दोहरा लेखा प्रणाली का इतिहास क्या है।
- दोहरा लेखा प्रणाली का सिद्धांत क्या है।
- लेखांकन सिद्धांतों की सीमाएं अथवा दोष क्या है।
- लेखांकन सिद्धांत का महत्व या लाभ।
हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।