नमस्कार आप ने दोहरा लेखा प्रणाली का नाम तो सुना होगा। जिसके आधार पर Accounting का कार्य किया जाता है। पर क्या आप जानते है। की दोहरा लेखा प्रणाली के जनक कोन है। और दोहरा लेखा प्रणाली का आविष्कार कब हुआ। दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम दोहरा लेखा प्रणाली के इतिहास के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे। जिससे आप को दोहरा लेखा प्रणाली की सम्पूर्ण जानकारी आसानी से प्राप्त हो जायगी।
दोहरा लेखा प्रणाली का इतिहास क्या है।
History of Double Entry System
आज हम जो दोहरा लेखा प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं। उसके अविष्कार का श्रेय इटली के वेनिस शहर मे रहने वाले महान गणितज्ञ व दार्शनिक श्री लूकास पैसियोली को जाता है।
उन्होंने सन 1494 मे एक Summa de Arithmetic, Geometry, Proportion et Proportionality नामक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसमें उन्होंने 3000 ईसा पूर्व चली आ रही लेखांकन की क्रमिक विकास की विभिन्न प्रणालियों को वर्णन और विश्लेषण सहित समझाया था।
इस पुस्तक मे उन्होने एक Particulars de computes et scriptures, Particulars of Recognise and Recording नामक एक अध्याय लिखा था। यही अध्याय दोहरा लेखा प्रणाली (Double Entry system) का उदभव माना जाता है। यही से दोहरा लेखा प्रणाली का इतिहास प्रारम्भ होता है।
इसके पश्चात सन 1543 मे Hwge Old Castle ने लुका पैसियोली द्वारा लिखित पुस्तक का इंग्लिश में अनुवाद करके उसे प्रकाशित किया।
फिर सन 1795 मे Edward Jones ने एक और पुस्तक लिखी जिसका नाम English System of Book Keeping था जिसमें लुका पैसियोली द्वारा लिखित पुस्तक के सिद्धांतो को और विस्तृत रूप से समझाया गया था।
इसके पश्चात समय – समय पर अनेक वैज्ञानिकों ने अनेक पुस्तकें लिखी जिसमें दोहरा लेखा प्रणाली को और भी अधिक सरल भाषा में समझाया गया है। आज ये दोहरा लेखा प्रणाली भारत सहित सम्पूर्ण विश्व मे अपनाई जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न। FAQ
1. दोहरा लेखा प्रणाली के जनक कौन है।
उत्तर :- दोहरा लेखा प्रणाली के जनक श्री लूकास पैसियोली को माना जाता है।
2. लूकास पैसियोली का जन्म कहा हुआ था।
उत्तर :- लूकास पैसियोली का जन्म इटली के वेनिस शहर मे हुआ था।
3. दोहरा लेखा प्रणाली का आविष्कार किस वर्ष मे हुआ।
उत्तर :- दोहरा लेखा प्रणाली का आविष्कार 1494 मे हुआ।
4. लूकास पैसियोली की किस पुस्तक मे दोहरा लेखा प्रणाली का जिक्र मिलता है।
उत्तर :- लूकास पैसियोली की Summa de Arithmetic, Geometry, Proportion et Proportionality पुस्तक मे दोहरा लेखा प्रणाली का जिक्र मिलता है।
5. भारत में लेखांकन का जनक किसे माना जाता है।
उत्तर :- भारत में लेखांकन का जनक श्री कल्याण सुब्रमणि अय्यर को माना जाता है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तों आशा करता हू। की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मैंने आप को बहुत ही आसान Steps मे बताया कि दोहरा लेखा प्रणाली का इतिहास क्या है। History of Double Entry System दोस्तो यदि आप को इस पोस्ट मे किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं।
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।