नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम सीखेगे की बैंक समाधान विवरण क्या है। तथा Bank Reconciliation Statement की विशेषताएँ, लाभ, गुण, महत्व, उद्देश्य क्या है। दोस्तो यदि आप कॉमर्स सब्जेक्ट से पढ़ाई कर रहे है। तो ये पोस्ट आप के लिए बहुत Important होने वाला क्योकि इस पोस्ट मे मैंने आप को Bank Reconciliation Statement का Example तथा Bank Reconciliation Statement Format के बारे मे जानकारी दी है। इसलिए दोस्तो आप पोस्ट को शुरू से End तक जरूर पढे।
बैंक समाधान विवरण का अर्थ व परिभाषा क्या है | Definition of Bank Reconciliation Statement
व्यापारी द्वारा प्रतिदिन होने वाले बैंक संबंधित व्यवहारों को रोकड़ बही के बैंक कालम मे लिखा जाता है। और बैंक भी प्रतिदिन होने वाले व्यवहारों को व्यापारी की पासबुक मे लिखती है। जिससे व्यापारी की रोकड़ बही और बैंक पासबुक का Balance आसानी से मिल जाता है। परन्तु कभी – 2 किसी कारण से व्यापारी की रोकड़ बही और बैंक पासबुक का बैलेंस नहीं मिल पाता है। जिसका कारण य़ह है कि किसी तिथि को व्यापारी द्वारा कुछ Entry’s को रोकड़ बही मे तो लिख लिया है। परन्तु बैंक द्वारा PassBook मे नहीं लिखा जाता है।
इसके विपरित कुछ Entry’s ऐसी होती है। जिसे रोकड़ बही मे नहीं लिखा जाता है। परन्तु बैंक द्वारा PassBook मे लिखा गया है। अतः ईन दोनों बहियों के शेषो मे अंतर के कारणों को ज्ञात करने के लिए व्यापारी द्वारा एक विवरण पत्र तैयार किया जाता है। जिसे बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement) कहते हैं।
बैंक समाधान विवरण का प्रारूप | Bank Reconciliation Statement Format
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बैंक समाधान विवरण की विशेषताएँ | Characteristics of Bank Reconciliation Statement
Bank Reconciliation Statement की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है।
1. खाता नहीं अपितु विवरण है। :-
बैंक समाधान विवरण एक खाता (Account) नहीं होता है। बल्कि इसे ग्राहक द्वारा एक विवरण (Statement) के रूप में तैयार किया जाता है।
2. शेषो में अन्तर की स्थिति में तैयार करना। :-
इसे केवल रोकड़ बही (Cash Book) एव बैंक पास बुक (Paas Book) के शेषो में अन्तर होने की स्थिति मे तैयार किया जाता है।
3. केवल व्यापारी द्वारा तैयार करना। :-
यदि बैंक पास बुक और रोकड़ बही मे अन्तर आता है। तो Bank Reconciliation Statement को केवल व्यापारी (ग्राहक) द्वारा तैयार किया जाता है। ना कि बैंक द्वारा।
4. शेषो का मिलान करना। :-
इस विवरण (Statement) को रोकड़ बही के बैंक कालम और बैंक पासबुक के शेष मे अन्तर का मिलान करने के लिए बनाया जाता है। ताकी अन्तर के कारणो को ज्ञात किया जा सके।
5. अलग से तैयार करना। :-
इस विवरण को एक काग़ज़ पर अलग से तैयार किया जाता है। व्यापारी की खाता बही मे इसका कोई लेखा नहीं किया जाता है।
6. त्रुटि को ज्ञात करना :-
Bank Reconciliation Statement के द्वारा छल – कपट और त्रुटि को ज्ञात किया जाता है। तथा उसे ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।
7. विशेष तिथि को बनाना। :-
व्यापारी द्वारा बैंक समाधान विवरण किसी किसी निश्चित या निर्धारित तिथि को बनाना जाता है।
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बैंक समाधान विवरण के लाभ, उद्देश, गुण, महत्व एव आवश्यकता | Advantage, Importance, Need or Objective of Bank Reconciliation Statement
1. बैंक खर्च की जानकारी :-
बैंक समाधान विवरण बनाने से व्यापारी को बैंक द्वारा लगाए जाने वाले अतिरिक्त व्यय की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाती है।
2. ब्याज की जानकारी प्राप्त होना। :-
इस विवरण के बनाने से व्यापारी को बैंक द्वारा दिये जाने वाले बैंक ब्याज की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाती है।
3. विलंब चेक की जानकारी प्राप्त होना। :-
Bank Reconciliation Statement बनाने से बैंक मे लगने वाले विलंब (Delay) Cheque की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाती है।
4. वास्तविक Bank Balance की जानकारी :-
इस विवरण के बनाने से व्यापारी को Bank के वास्तविक बैंक शेष की जानकारी प्राप्त हो जाती है। जिससे व्यापारी को अग्रिम चेक देने मे सुविधा होती है।
5. अंकेशन हेतु उपयोगी। :-
ज़्यादातर व्यवसाय मे बैंक समाधान विवरण अंतिम खाते तैयार करते समय बनाया जाता है। ताकि वर्ष के अंत मे व्यापारी की रोकड़ बही और बैंक का बैलेन्स ठीक ठाक मिल जाए। तथा इस विवरण का उपयोग Audit करते समय भी किया जाता है। जिससे CA को आसानी से पता चल जाता है। की रोकड़ बही और बैंकपास मे अंतर किस कारण आ रहा है।
6. Cash Book मे लेखा करने का आधार। :-
बैंक पासबुक के आधार पर ही व्यापारी रोकड़ बही (Cash Book) के बैंक स्तम्भ मे छूट जाने वाली प्रविष्टि को लिख लेता है। जिससे रोकड़ बही का शेष, बैंक शेष से मिल जाता है।
7. भुगतान और संग्रहीत चेक की जानकारी। :-
इस विवरण के आधार पर व्यापारी को भुगतान किए जाने वाले चेक तथा खाते मे जमा होने वाले चेक की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाती है।
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बैंक समाधान विवरण का उदाहरण | Bank Reconciliation Statement Example
मेसर्स दिनेश कुमार रमेश कुमार की पास बूक में 30 जून , 2023 को 5000 रु . जमा थे । रोकड़ बही से मिलान करने पर निम्नलिखित अन्तर पाये गये । बैंक समाधान विवरण बनाइये –
1 . राजेन्द्र को 25 जून को 16000 रु . का चेक दिया गया , किन्तु उसने वह चेक जुलाई के प्रथम सप्ताह मे भुगतान के लिए प्रस्तुत किया ।
2 . 8000 रु . के चेक बैंक मे संग्रह के लिए जमा कराये , परन्तु महीने की समाप्ती तक ये चेक हमारी पास – बूक मे जमा नहीं हुए ।
3 . बैंक ने 300 रु . बैंक शुल्क के लगाये , किन्तु व्यापारी को इसकी कोई सूचना नहीं मिली।
4 . बैंक ने 200 रु . ब्याज के जमा किये , जो रोकड़ बही मे नहीं लिखे गये ।
5 . बैंक ने शेयर्स के लाभांश के 1200 रु प्राप्त किये, जिसके लेखा पासबुक मे था, किन्तु रोकड़ बही मे नही हुआ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Bank Reconciliation करना क्यों जरूरी होता है।
किसी भी Business मे Accounting करते समय Bank Reconciliation करना एक अनिवार्य Process होता है। क्योंकि जब भी हम कोई Bank Transactions करते है। या किसी पार्टी को Cheque द्वारा भुगतान करते हैं। तो हम अपनी मैनुअल Bank PassBook में तो Account Debit कर देते हैं। परन्तु वह Cheque Bank मे किसी अन्य तारीख को जमा होता है। जिसके कारण व्यापारी की Bank पासबुक और Bank Statement मे अन्तर आता है। और इसी अन्तर के मिलान करने के लिए Business मे Bank Reconciliation करना जरूरी होता है।
Tally मे Bank Reconciliation Statement क्या है।
दोस्तों यदि आप Accounting के लिए Tally का उपयोग करते है। तो आप के लिए Bank Reconciliation Statement तैयार करना बहुत ही आसान है। बस आप को Tally के Banking Option का उपयोग करते हुए प्रत्येक Entry का Bank Reconciliation करना है। जिसके ऊपर मेने एक पूरा आर्टिकल लिखा है। जहा से आप Tally मे Bank Reconciliation Steps को आसानी से पढ़ सकते हैं। तथा चुटकियो मे Reconciliation Statement तैयार कर सकते हैं।
पूरा आर्टिकल पढ़े :– Tally Prime me Bank Reconciliation Kaise Kare
Bank Reconciliation Statement क्यों बनाया जाता है।
जब व्यापारी की रोकड़ बही के बैंक खाने का शेष व बैंक की पास बुक का शेष मे अन्तर ज्ञात होता है। तब व्यापारी द्वारा बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement) बनाया जाता है। ताकी दोनों शेषो का मिलान किया जा सके।
बैंक समाधान विवरण किसके द्वारा बनाया जाता है।
बैंक समाधान विवरण ग्राहक या व्यापारी द्वारा बनाया जाता है।
व्यापारी द्वारा बैंक समाधान विवरण किस आधार पर बनाया जाता है।
व्यापारी द्वारा बैंक समाधान विवरण रोकड़ बही (Cash Book) के बैंक स्तम्भ और बैंक पासबुक के आधार पर बनाया जाता है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तो उम्मीद करता हु। की आप को मेरा लेख बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान भाषा मे बताया कि बैंक समाधान विवरण क्या है। तथा बैंक समाधान विवरण की विशेषताएँ, लाभ, गुण, महत्व, आवश्यकता, उद्देश्य क्या है । दोस्तों यदि आप को इस लेख में किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं।
धन्यवाद……….
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हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।