दोस्तों , आज हम सम्पत्तियाँ (Assets) के बारे में बात करेंगे , की किसी व्यवसाय में सम्पत्तियाँ (Assets) क्या होती है | तथा ये सम्पत्तियाँ (Assets) कितने प्रकार की होती है |
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सम्पत्ति के प्रकार |
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सम्पत्ति (Asset) क्या है।
व्यवसाय में सम्पत्ति का आशय उन आर्थिक स्त्रोत से है। जिन्हें व्यवसाय के संचालन मे आय अर्जित करने के लिए लगाया जाता है। तथा जिसे आसानी से मुद्रा में व्यक्त किया जा सकता है।
अतः हम कह सकते हैं कि एसे स्त्रोत जिनसे अल्प या दीर्ध अवधि मे मुद्रा व्यक्त किया जा सकता है तथा ऐसे स्त्रोत पर व्यवसाय के स्वामी का स्वामित्व होता है। सम्पत्ति कहलाता है।
सम्पत्ति (Asset) निम्नलिखित प्रकार के होते हैं।
1. स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets)
2. चालु सम्पत्तियाँ (Current Assets)
3. अमूर्त सम्पत्तियाँ (Intangible Assets)
4.मूर्त सम्पत्तियाँ (Tangible Assets)
5. क्षयशील सम्पत्तियाँ (Wasting Assets)
1. स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets) :-
व्यवसाय मे स्थाई सम्पत्ति उसे कहते हैं। जो व्यापार के संचालन में सहायक होती है। तथा जो व्यवसाय मे दीर्धकालिक समय के लिए होती है।
स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets) के उदाहरण है।
भूमि, भवन, कारखाना, मशीनरी आदि।
2. चालु सम्पत्तियाँ (Current Assets) :-
व्यवसाय में चालू सम्पत्ति उसे कहते हैं। जो व्यवसाय मे अल्प अवधि के लिए होती है। तथा इन्हें अल्प अवधि मे मुद्रा मे बदला जा सकता है। जेसे देनदार (Debtors) हमारे लिए एक चालू सम्पत्ति है।
चालु सम्पत्तियाँ (Current Assets) के उदाहरण है।
देनदार, स्टॉक, आदि।
3.अमूर्त सम्पत्तियाँ (Intangible Assets) :-
व्यवसाय में अमूर्त सम्पत्तिया उसे कहते हैं। जिन्हें देखा तथा छुआ नहीं जा सकता। परन्तु उनका मूल्य होता है तो ऐसी सम्पत्तियों को अमूर्त सम्पत्तिया कहते हैं।
अमूर्त सम्पत्तियाँ (Intangible Assets) के उदाहरण है।
ख्याति, पेटेन्ट, ट्रेडमार्क आदि।
4. मूर्त सम्पत्तियाँ (Tangible Assets) :-
व्यवसाय में मूर्त सम्पत्तिया उसे कहते हैं। जिन्हें देखा तथा छुआ जा सकता। तथा उनका मूल्य होता है तो ऐसी सम्पत्तियों को मूर्त सम्पत्तिया कहते हैं।
मूर्त सम्पत्तियाँ (Tangible Assets) के उदाहरण है।
मशीनरी, भूमि, भवन, स्टॉक आदि।
5. क्षयशील सम्पत्तियाँ (Wasting Assets) :-
क्षयशील सम्पत्तियाँ उसे कहते हैं। जिनका उपयोग करने से ये घटती रहती है। तथा उपयोग करने से समाप्त हो सकती है। तो ऐसी संपत्तियों को क्षयशील सम्पत्तियाँ कहते हैं।
क्षयशील सम्पत्तियाँ (Wasting Assets) के उदाहरण है।
कोयले की खाने, तेल के कुए आदि।
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