नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे हम बात करेगे। की लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) क्या है। तथा लाभ – हानि कब बनाया जाता है। दोस्तों यदि आप Accounting की दुनिया में नए है। और यदि आप एक विद्यार्थी है। तो ये पोस्ट आप के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है
क्योंकि मेने अक्सर देखा है। बहुत से व्यक्ति लाभ – हानि खाते के बारे में जानते तो है। परंतु उन्हें पूरी जानकारी नहीं रहती है। जैसे :- लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) कब बनाया जाता है।, लाभ – हानि खाते से किसी व्यवसायी को क्या लाभ होता है।
लाभ – हानि खाता बनाते समय लाभ और हानि कब होती है।, लाभ – हानि खाते में कौन – कौन सी मदों को शामिल किया जाता है। आदि सवालों का जवाब मे इस पोस्ट मे देने वाला हू। तो दोस्तों अब हम शुरुआत करते हैं। और सबसे पहले देखते है। की लाभ – हानि खाता क्या होता है ?
लाभ – हानि (Profit and Loss Account) खाता क्या है।
वित्तीय वर्ष के अंत में शुद्ध लाभ या हानि ज्ञात करने के लिए व्यापारी द्वारा जो खाता बनाया जाता है। उसे लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) कहते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं। व्यवसाय कोई भी हो व्यापारी का मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना ही होता है। और व्यापारी को य़ह जानना भी अति आवश्यक होता है, कि व्यापार मे लाभ हो रहा है या हानि। और इसी लाभ और हानि को जानने के लिए व्यापारी द्वारा लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) बनाया जाता है।
लाभ – हानि खाते (Profit and Loss Account) मे दो पक्ष होते हैं। पहला पक्ष डेबिट पक्ष और दूसरा पक्ष क्रेडिट पक्ष कहलाता है। यदि व्यापारी को Gross Loss होता है। तो इसे डेबिट पक्ष में लिखा जाता है। और साथ ही समस्त अप्रत्यक्ष खर्चों (Indirect Expenses) को भी डेबिट पक्ष लिखा जाता है।
और यदि व्यापारी को शुद्ध लाभ होता है। तो इसे क्रेडिट पक्ष मे लिखा जाता है। और साथ ही समस्त अप्रत्यक्ष आय (Indirect Income) को भी क्रेडिट पक्ष में लिखा जाता है।
वित्तीय वर्ष के अंत में जब व्यापारी अपने अंतिम खाते बनाता है। तो वह सबसे पहले व्यापार खाता (Trading Account) बनाता है। और व्यापार खाते से जो सकल लाभ (Gross Profit) प्राप्त होता है। तो इस सकल लाभ (Gross Profit) को आगे लाभ – हानि खाते (Profit and Loss Account) मे ले जाया जाता है।
लाभ – हानि खाते में समस्त अप्रत्यक्ष खर्चों (Indirect Expenses) को सकल लाभ (Gross Profit) मे से घटाया जाता है। तथा समस्त अप्रत्यक्ष आय (Indirect Income) को सकल लाभ (Gross Profit) मे जोड़ा जाता है। तथा शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि को ज्ञात किया जाता है।
(नोट :- अवास्तविक खातों (Nominal Account) से संबंधित सभी खातों के शेष लाभ – हानि खाते में लिखे जाते हैं।)
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Profit and Loss Account Format | लाभ – हानि खाते का प्रारूप
लाभ – हानि खाते के डेबिट (Dr.) पक्ष में शामिल होने वाली मदे
लाभ – हानि खाते के डेबिट पक्ष में वे सभी खर्चो को लिखा जाता है। जो मॉल (Goods) के क्रय – विक्रय से सम्बंधित नहीं होते है। जैसे :-- Gross Loss ( शुद्ध हानि )
- Office Expenses (कार्यालय खर्च)
- Salaries (वेतन)
- Bank Charges ( बैंक खर्च )
- Office Rent (कार्यालय का किराया )
- Office Lighting Expenses (कार्यालय का लाइट बिल)
- Depreciation (ह्रास)
- Charity Expenses ( दान का खर्च )
- Postage Expenses ( डाक खर्च )
- Freight Out Ward Expenses ( भाड़ा खर्च )
- Stationery Expenses ( लेखन सामग्री खर्च )
- Travelling Expenses ( यात्रा खर्च )
- Telephone Expenses ( दूरभाष बिल )
- Interest Paid On Loan ( ऋण पर ब्याज चुकाया )
- Discount (कटौती)
- Carriage Out Ward Expenses (बाहरी भाड़ा खर्च)
- Advertising Expense (विज्ञापन का खर्च )
- Packing Expenses (पेकिंग खर्च )
- Commission Paid (कमीशन)
- Maintenance Expenses ( रखरखाव खर्च )
- Sales Tax (विक्रय कर)
- Printing Expenses (छपाई खर्च)
- Bad Debts (अप्राप्य ऋण)
- Audit Fees (अंकेक्षण शुल्क)
- Discount Allowed (छुट दिया गया)
- Wages Expenses ( मजदूरी खर्च )
- Repair Expenses ( मरम्मत खर्च )
- Fire Insurance ( अग्नि बिमा )
- Legal Expense (कानूनी व्यय)
- Interest On Bank Loan ( बैंक ऋण पर ब्याज )
लाभ – हानि खाते के क्रेडिट (Cr.) पक्ष में शामिल होने वाली मदे
लाभ – हानि खाते के क्रेडिट पक्ष में वे सभी आय को लिखा जाता है। जो मॉल (Goods) के क्रय – विक्रय से सम्बंधित नहीं होती है। जैसे :-- Gross Profit ( शुद्ध लाभ )
- Rent Received (प्राप्त किराया )
- Interest Received (प्राप्त ब्याज)
- Income for Invesment ( निवेश पर आय )
- Discount Received ( प्राप्त छुट )
- Bad Debt Recovered ( खराब खर्च वसूली )
- Commission (प्राप्त कमीशन)
- Apprentice Premium (नवसिखिया प्रब्याज)
Tally Prime मे लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) कैसे बनाये।
पुराने जमाने में लेखांकन (Accounting) का कार्य मैनुअल तरीके से किया जाता था। अर्थात लेखांकन का कार्य करने के लिए मुनीम जी घटों खाता बही मे एंट्री करते थे। और इस प्रोसेस मे बहुत समय लगता था।
परंतु आज के समय में लेखांकन का कार्य विभिन्न सॉफ्टवेयर के द्वारा किया जाने लगा है। जिसमें बहुत कम समय मे सटीक परिणाम मिलता है। और ईस सारे सॉफ्टवेयर मे एक प्रचलित सॉफ्टवेयर Tally Prime है। जो बहुत ही सरल सॉफ्टवेयर है। जिसे साधारण व्यक्ति भी आसानी से सीख सकता है।
यदि आप Accounting के लिए Tally Prime या Tally Erp 9 का उपयोग करते हैं। तो इस पोस्ट मे हम देखेंगे कि Tally मे व्यापार खाता (Trading Account) और लाभ – हानि (Profit and Loss Account) कहा पर होता है। क्योंकि की बहुत से new Tally यूजर को य़ह पता नहीं होता है। की Tally मे कौन सा भाग लाभ – हानि (Profit and Loss Account) कहलाता है।
सबसे पहले हम Tally को open करेगे। और Gateway of Tally की विंडो से Profit and Loss Account का चयन करेगे। या Shortcut key “P” का उपयोग करेगे। अब हमारे सामने Profit and Loss Account खुल जाएगा। Tally में Profit and Loss Account को डिटेल्स में देखने के लिए Alt + F1 का प्रयोग किया जाता है।
Profit and Loss Account मे Gross Profit तक का जो भाग होता है। वह Trading Account कहलाता है। और बाकी नीचे वाला भाग Profit and Loss Account कहलाता है। जैसे नीचे चित्र मे बताया गया है।
FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Que : लाभ – हानि खाते मे शुद्ध (Net Profit) लाभ कब होता है।
Ans : यदि लाभ – हानि खाते के डेबिट (Dr.)पक्ष का योग क्रेडिट (Cr.) पक्ष के योग से कम होता है तो लाभ होता है, जिसे शुद्ध लाभ (Net Profit) कहते हैं।
Que : लाभ – हानि खाते मे शुद्ध हानि (Net Loss) कब होती है।
Ans : यदि लाभ – हानि खाते के क्रेडिट (Cr.) पक्ष का योग डेबिट (Dr.) पक्ष के योग से कम होता है तो हानि होती है, जिसे शुद्ध हानि (Net Loss) कहा जाता है।
Que : लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) बनाने का आधार क्या है।Ans : व्यापार खाता (Trading Account) और लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) तलपट (Trial Balance) के आधार पर ही बनाया जाता है। अर्थात सबसे पहले तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है।
फिर इस तलपट (Trial Balance) को देखकर सबसे पहले व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है। और फिर बाद में लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) बनाया जाता है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तो उम्मीद करता हु। की आप को मेरा लेख बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान भाषा मे बताया कि लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) किसे कहते हैं। दोस्तों यदि आप को इस लेख में किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं।
धन्यवाद……….हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।