दोस्तों इस पोस्ट मे हम देखेंगे कि, एक तलपट (Trial Balance) कैसे तैयार किया जाता है। इसे हम एक उदाहरण से समझेंगे। परंतु आज इस computer की दुनिया में क्या तलपट (Trial Balance) तैयार करना सीखना जरूरी है। इसे लेकर कई व्यक्तियों का मत होगा, की जब आज के समय मे बहुत ही आसान Accounting सॉफ्टवेयर उपलब्ध है। तो फिर मैनुअल तरीके से तलपट (Trial Balance) तैयार करना क्यों सीखे। परंतु मे ये कहता हूं, की ये मत बिल्कुल गलत है।
आज के समय मे बहुत से आसान Accounting सॉफ्टवेयर है। जो हमे बहुत सुविधा प्रदान करते हैं। उसमे से एक प्रचलित सॉफ्टवेयर है। Tally और बहुत से Accounted Tally का ही प्रयोग करते हैं। (यदि आप Tally सीखना चाहते हैं तो यहा क्लिक करें। Tally सीखे हिन्दी में)
परन्तु यदि हमे एक प्रोफेशनल Accounted बनना चाहते हैं। तो केवल Tally जैसे सॉफ्टवेयर सीखने से काम नहीं चलेगा। हमे Accounting की Basic जानकारी और मैनुअल Accounting सीखना जरूरी है। जिसके लिए हमे रोजनामचा (journal entry) , खाता बही (Ledger), तलपट (Trial Balance) आदि कैसे बनाते हैं। ये सीखना जरूरी है। तभी हमे ये आसानी से ज्ञात होगा, की Accounting मे कौन सी एंट्री का कहा पर प्रभाव पढ़ता है। जिससे हम एक प्रोफेशनल Accounted बन सकते हैं।
तो दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे तलपट (Trial Balance) बनाना एक उदाहरण से सीखेंगे।
पर यदि उसके पहले आप को नहीं पता कि रोजनामचा (journal entry) और खाता बही (Ledger) कैसे तैयार किया जाता है। तो ये पोस्ट जरूर देखे
तलपट (Trial Balance) का एक उदाहरण
तलपट (Trial Balance) का उदाहरण देखने से पहले हमने एक कुछ रोजनामचा (journal entry) की कुछ प्रविष्टियां ली है। क्यों कि रोजनामचा (journal entry) ही लेखांकन (Accounting) का पहला चरण है। और हम शुरुआत से देखेंगे, की तलपट (Trial Balance) बनाने से पहले कौन – कौन से खाते बनाने होते हैं।
Step 1 :- सबसे पहले हम रोजनामचा (journal entry) की प्रविष्टियां करेगे। नीचे चित्र अनुसार
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जर्नल प्रविष्टियों का उदाहरण |
Step 2 :- अब हम इस रोजनामचा (journal entry) के आधार पर प्रत्येक पक्ष का एक अलग – अलग खाता (Ledger) खोलेेंगे। नीचे चित्र के अनुसार
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खाता -बही का उदाहरण |
Step 3 :- अब हम इस खाता – बही (Ledger) के आधर पर तलपट (Trial Balance) बनाना सीखेंगे।
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तलपट का उदाहरण |
1. सबसे पहले हम तलपट (Trial Balance) के विवरण वाले खाने मे प्रत्येक खाते का नाम लिखेंगे जैसे चित्र मे सबसे पहले हमने Cash का खाता लिया है।
2. अब हम तलपट (Trial Balance) के दूसरे खाने मे Ledger folio number यानि खाता – बही मे जिस पृष्ठ पर जिस पक्ष का खाता होगा। वह पृष्ठ संख्या यहां लिखेंगे।
3. अब हम तलपट (Trial Balance) के तीसरे खाने मे Debit amount यानि यदि जिस खाते का शेष Debit शेष आएगा वो राशि इस खाने मे लिखी जायगी।
जैसे :- चित्र मे Cash Ledger का शेष To Balance b/d 119500.00 Debit पक्ष में है। इसलिए तलपट (Trial Balance) मे भी Debit पक्ष में 119500.00 आएगा।
इसी तरह अन्य खाते जैसे :-
Office Rent – 500
Purchase – 4000
Furniture – 5000
Salary – 6000
इन सभी खातों का शेष भी To Balance b/d यानि Debit पक्ष में है | इसलिए तलपट (Trial Balance) मे भी इन्हे Debit पक्ष में लिखा जायगा |
4. तलपट (Trial Balance) के चतुर्थ खाने में Credit amount यानि यदि जिस खाते का शेष Credit शेष आएगा वो राशि इस खाने मे लिखी जायगी।
जैसे :- चित्र मे Capital A/c का शेष By Balance c /d 125000.00 Credit पक्ष में है। इसलिए तलपट (Trial Balance) मे भी Credit पक्ष में 125000.00 आएगा।
इसी तरह अन्य खाते जैसे :-
Sales – 10000
इन सभी खातों का शेष भी By Balance c/d यानि Credit पक्ष में है | इसलिए तलपट (Trial Balance) मे भी इन्हे Credit पक्ष में लिखा जायगा |
इसे भी पढ़े :- लेखांकन में सम्पत्तियाँ क्या है | (What is Assets )
दोस्तों आप को मेरा ये तलपट (Trial Balance) से संबधित पोस्ट कैसा लगा | और यदि आप को इस पोस्ट से संबधित कोई भी सुझाव हो तो मुझे comment box में जरूर बताये | और पोस्ट को share जरूर करे | और मेरे ब्लॉग को Follw जरूर करे |
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