दोस्तों आप ने सेस (Cess) का नाम तो सुना होगा। यदि आप एक Accounted हो या Income Tax या फिर GST का कार्य कर रहे हों। तो आप का सेस से पाला तो पढ़ा होगा। तो दोस्तों आज हम देखते हैं। की सेस क्या है। और इसकी गणना कैसे करते हैं। और साथ ही सेस से संबंधित कुछ प्रश्न भी देखेंगे।
Cess क्या है। जीएसटी में सेस की पूरी जानकारी। |
ईनकम टैक्स में सेस (Income Tax Cess) क्या है ।
सेस जिसे उपकर भी कहा जाता है। सेस एक ऐसा कर (Tax) होता है। जिसे Tax के ऊपर लगाया जाता है। अर्थात यदि किसी व्यक्ति की Income Tax भरने की जवाबदारी आ रहीं हैं। तो सेस उसकी आमदनी की राशि पर ना लगकर उसके द्वारा दिए जाने वाले Tax पर लगेगा।
सेस (Cess) क्यों लगाया जाता है।
सरकार के द्वारा सेस किसी विशेष उद्देश को पूरा करने के लिए लगाया जाता है। जैसे :- शिक्षा से संबंधित कार्यो को पूरा करने के लिए एजुकेशन सेस लगाया जाता है। इसी तरह कृषि से संबंधित कार्यो को पूरा करने के लिए कृषि कल्याण सेस लगाया जाता है। और यदि वह उद्देश्य पूरा हो जाता है। तो सेस को बंद कर दिया जाता है।
सेस को केंद्र सरकार के द्वारा वसूला जाता है। सेस के माध्यम से वसूली गयी राशि को किसी और राज्य के साथ शेयर नहीं किया जाता है। अर्थात य़ह राशि केवल केंद्र सरकार के पास ही होती है।
सेस (Cess) किन व्यक्तियों को चुकाना है।
भारत सरकार के अनुसार जो भी व्यक्ति Income Return Fail करता है । और यदि उसकी Tax भरने की जवाबदारी बनती है। तो उसे उस Tax पर सेस चुकाना आवश्यक है। फिर चाहे Tax की राशि कम हो या ज्यादा।
Cess का Calculation कैसे होता है।
उदाहरण :-
चेतन की आय वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये है। और इस 5 लाख रुपये पर Income Tax 12500 रू बनता है।
तो Cess की गणना 12500 पर होगी ना कि 5 लाख रुपये पर।
अब मान लेते हैं। की Incone Tax पर Cess 4% है। तो 12500 रू पर 4% Cess होगा।
12500 x 4% = 500 रू Cess होगा।
तो चेतन को को कुल Income Tax जमा करना होगा।
12500 + 500 = 13000 रू
GST मे Cess से क्या आशाय है।
GST मे Cess को GST compensation Cess कहते है। जिसका हिन्दी अर्थ जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर होता है। जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कुछ अधिसूचित वस्तुओ की आपूर्ति पर लगाया जाता है। जिसके अन्तर्गत डिमेरीट व लक्जरी से संबंधित वस्तुओ को शामिल किया जाता है। जैसे :- सिगरेट, तम्बाकू, कोयला आदि।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को एक एडिशनल टैक्स भी कहा जाता है। क्योंकि य़ह टैक्स CGST, SGST/UTGST और IGST के अतिरिक्त लगाया जाता है।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर (GST compensation Cess) क्यों लगाया जाता है।
जैसा कि नाम से पता चलता है। क्षतिपूर्ति के लिए उपकर। अर्थात ऐसा उपकर जो राज्यों की क्षतिपूर्ति के लिए लगाया जाता है।
भारत में GST लागू होने से पहले राज्यों द्वारा वस्तु निर्माणी (Goods Manufacturering) कंपनियों से CST (Central Sale Tax) वसूला जाता था। परंतु 1 जुलाई 2017 से भारत मे GST लागु किया गया। जिसके अंतर्गत CST और अन्य सभी प्रकार के Tax को हटा दिया गया। और GST को पूरी तरह से लागु किया गया। जिससे कुछ Goods Manufacturering राज्यों को नुकसान होने लगा क्योंकि उनके पास Tax बहुत कम कलेक्ट होता था। इसलिए 2017 से नुकसान का सामना कर रहे हैं। राज्यों के लिए GST compensation Cess अधिनियम लागू किया गया।
जैसा कि हम सभी जानते हैं। की GST एक खपत आधारित कर (Consumption Based Tax) है। अर्थात जिन राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं की खपत ज्यादा मात्रा में होती है। उन राज्यों को तो GST मे लाभ होता है। परंतु कुछ राज्य ऐसे भी है। जो ज्यादा Manufacturering का कार्य करते हैं। जिनसे उन्हें GST मे नुकसान का सामना करना पढ़ता है। इसी कारण जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाने की आवश्यकता हुई।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कौन वसूल कर सकता है।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर (GST compensation Cess) वे सभी व्यक्ति वसूल कर सकते हैं। जो जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर मे अधिसूचित वस्तुओं की सप्लाई करते हैं। फिर चाहे वह सप्लाई interstate हो या intrastate. परंतु जिन व्यक्तियों ने GST मे कम्पोजीसन स्कीम मे रजिस्ट्रेशन किया है। वह व्यक्ति जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर वसूलने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर मे शामिल होने वाली वस्तुओं की सूची इस प्रकार है।
मोटर गाड़ी
कोयला
तंबाकू
पान मसाला
वातीत पेय (Aerated Drinks)
तंबाकू युक्त सिगरेट आदि।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की गणना कैसे होती है।
जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर (GST compensation Cess) की गणना बिल की Taxbale Amount पर होती है। ना कि Total Amount पर। जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को CGST, SGST/UTGST, व IGST के अलावा बिल मे अलग से लगाया जाता है।
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