Tally में Ledger को Group कैसे दे। 2024

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे आज हम सीखेंगे की Tally में Ledger को Group कैसे दे। 2024 दोस्तों यदि आप Tally Erp 9 या Tally Prime सीख रहे हैं। तो आप के मन में एक प्रश्न जरूर आ रहा होगा कि Tally मे New Ledger Create करते समय Group Selection कैसे करे।

दोस्तों आप को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इस पोस्ट आज हम Ledger Group Selection in Tally Prime की सम्पूर्ण Process Step by Step सीखेंगे। साथ ही मे आप को Tally Ledger Under Group List PDF 2024 भी देने वाला हु। जिसे पढ़ कर आप आसानी से Tally मे New Ledger Create कर सकते हैं।

क्या किसी Ledger को सभी Group देने जरूरी है।

हाँ दोस्तो, जब भी हम Tally मे New Ledger Create करते है। तो उसे सही Group देना जरूरी होता है। वर्ना आप का Trading Account, Profit and Loss Account और Balance Sheet  परिणाम देगा। क्योकि हम ग्रुप के द्वारा ही किसी लेजर को आदेश देते है की उसे किस जगह जाना है।

जैसे – यदि हम एक Indirect Income का Ledger Create कर रहे है। जिसे हमे Indirect Income Group देना है। परंतु हम उसे Indirect Expenses Group दे देते है। तो Tally के Profit and Loss Account मे वह Ledger Indirect Expenses साइड दिखाई देगा। जिसका Balance Negative दिखाई देगा।

दोस्तो अब तो आप समझ गए होगे की Tally मे Ledger का सही Group Selection कितना महत्वपूर्ण होता है। तो चलिए दोस्तो अब हम Tally Prime Ledger Under Group List देखते है।

Tally में Ledger को Group कैसे दे
Tally में Ledger को Group कैसे दे 2024

Tally मे Group क्या है।

Group जिसे हम हिन्दी मे समुह कहते हैं। एक ही प्रकार के खातों (Ledgers) को एक ही समुह (Group) मे रखा जाता है। अर्थात्‌ Tally मे हम जो भी new Ledger बनाते हैं। उसे कोई ना कोई Group दिया जाता है। और Group का सही निर्धारण करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

जैसे :- व्यवसाय मे होने वाले सभी अप्रत्यक्ष खर्चों (indirect Expenses) को indirect Expenses Group मे रखा जाता है। यदि हम यहा पर अप्रत्यक्ष खर्चों (indirect Expenses) को Direct Expenses Group दे देगे। तो हमारा Profit & Loss A/c गलत परिणाम देगा। तथा हमारा Profit & Loss का Ratio भी गलत आएगा।

इन्हे भी पढे :-

Tally मे Ledger बनाते समय Under Group का निर्धारण कैसे करे।

Tally मे जब भी हम कोई Ledger बनाते हैं। तो हमारे सामने चित्र अनुसार एक विंडो दिखाई देती है।Tally में Ledger को Group कैसे दे।

सबसे पहले हम Party का नाम लिख लेते हैं। फिर बात आती है। की Party को Under Group क्या दिया जाए। अर्थात जिस Party का हम Ledger create कर रहे हैं। उस Party का हमारे व्यवसाय से क्या सम्बन्ध है। ताकी उसे हम एक सही under Group दे सके और Ledger एक सही स्थान पर जा सके।

Note :- Group का निर्धारण करने से पहले सुनिश्चत कर ले कि हमने Ledger को सही Group दिया है।

अब हम Tally मे उपस्थित सभी List of Groups को एक – एक कर के समझते हैं, की किस under Groups के अंदर किस Ledger को शामिल किया जाता है।

Tally Ledger under Group List in Hindi pdf
Tally Ledger under Group List in Hindi pdf

Tally Ledger under Group List in Hindi pdf 2024

Bank Accounts

बैंक अकाउंट Group इस Group में सभी बैंक खातों को शामिल किया जाता है। बैंक लोन अकाउंट को छोड़कर। जैसे :-

  • IDBI Bank A/c
  • HDFC Bank A/c
  • Bank of India A/c
  • IDFC Bank A/c

Bank OCC A/c Bank OCC A/c

यानि Bank open cash credit A/c इस Group में सभी Bank Loan OCC A/c को शामिल किया जाता है। यदि हमने किसी बैंक से लोन लिया है। तो उस खाते को Bank OCC A/c Group में शामिल किया जायगा। जैसे :-

  • IDBI Bank Loan A/c
  • HDFC Bank Loan A/c
  • Bank of India Loan A/c
  • IDFC Bank Loan  A/c

Bank OD A/c Bank OD A/c

यानि Bank Overdraft A/c इस Group में सभी Bank Overdraft A/c को शामिल किया जाता है। यदि हमने किसी बैंक में खाते को Overdraft किया है। तो उसे इस Group में शामिल किया जाता हैै। जैसे :-

  • IDBI Bank OD  A/c
  • HDFC Bank OD A/c
  • Bank of India OD A/c
  • IDFC Bank OD A/c

Branch/Divisions

यदि हमारी कंपनी में बड़े पैमाने पर काम होता है अर्थात हमारी कंपनी नई किसी अन्य क्षेत्र में भी Branch है। और हमें उन ब्रांचो से भी पैसा आता है। तो उस सभी Branch/Divisions से संबधित खातों को Branch/Divisions  Group में रखा जाता है। इस ग्रुप का नेचर Asset होता है।  जैसे :-

  • xyz Textiles Burhanpur A/c
  • xyz Textiles Indore A/c
  • xyz Textiles Bhopal A/c
  • xyz Textiles Surat A/c

Capital Account

Capital Account इस Group में Company के मालिक के खातों (Ledgers) को शामिल किया जाता है। जैसे :- यदि किसी कंपनी का मालिक Ram है। तो

  • Ram A/c

Cash-in-Hand

Tally में Cash का Ledger बनाने की जरुरत नहीं होती है। क्योकि Tally में पहले से ही Cash का Account बना होता है। फिर भी कभी – कभी कंपनी द्वारा Petty Cash का खाता बनाया जाता है। जैसे :-

  • Petty Cash  A/c
इन्हे भी पढे :-

Current Assets

चालू सम्पत्तिया जिसे हम Current Assets भी कहते है। यानि वे सभी प्रकार की सम्पत्तियाँ जिसे आसानी से Cash मे बदला सकता है। Current Assets कहलाती है। यदि हमने किसी फर्म, कंपनी  या व्यक्ति, को Advance Payment दिया है। तो उस Ledgers को  हम करंट Assets Group देगे। जैसे :-

  • Prepaid Maintenance Expense
  • Prepaid Rent
  • Mutual Fund
  • CGST Credit
  • SGST Credit
  • IGST Credit
  • Prepaid Insurance Charges

Current Liabilities

चालू दायित्व जिसे हम Current Liabilities भी कहते हैं। यदि हमने किसी फर्म, कंपनी या व्यक्ति आदि से कोई Advance Payment या Loan लिया है। तो उस Ledgers को  हम Current Liabilities Group देगे। जैसे :-

  • All Bill Payable
  • CGST Payable
  • SGST Payable
  • IGST Payable

Deposits (Asset)

यदि हमने हमारे व्यवसाय मे यदि कोई investment या कोई fix Deposits किया हो और हमे पता है कि इतने Year बाद हमारा investment पूरा होगा तो हम ऐसे Ledger  को बनाते समय Deposits (Assets) Group  देगे। जैसे :-

  • Security Deposit
  • Office Rent Deposit
  • Electricity Deposit
  • All Type Deposit etc.

Direct Expenses

यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय  होते है। अर्थात्‌ ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Direct Expenses Group देगे। जैसे :-

  • Sizing Charges
  • Freight Exp.
  • Hammali Exp.
  • Transport Exp.
  • Weaving Charges etc.

Direct Incomes

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की प्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित हों तो ऐसी आय के Ledger बनाते समय Direct Income Group देगे। जैसे :-

  • Freight Charges Income
  • Transport Charges Income
  • All Income Form Service etc.

Duties & Taxes

व्यवसाय मे सभी प्रकार के Tax से संबंधित खातों (Ledgers) के लिए Duties & Tax Group दिया जाता है। जैसे :-

  • Input CGST
  • Input SGST
  • Input IGST
  • Input Cess
  • Output CGST
  • Output SGST
  • Output IGST
  • Output Cess
  • TDS Payables
  • Input Vat Tax
  • Output Vat Tax
  • Excise Duty Payable
  • Service Tax Payable etc.

Expenses (Direct)

यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात्‌ ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Expenses (Direct) Group देगे। जैसे :-

  • Freight Expenses
  • Wages Expenses
  • Freight of Production
  • Carriage Expenses
  • Power Expenses etc.

Expenses (Indirect)

यदि हमारे व्यवसाय मे कोई अप्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात्‌ ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय से संबंधित नहीं होते है। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Expenses (Indirect) Group देगे। जैसे :-

  • Legal Expenses/Charges
  • Salary
  • Audit Fees
  • Professional Charges
  • Fuel Expenses A/c
  • Telephone charge
  • Postage & courier Expenses
  • Legal charge
  • Bank charges
  • Penalty
  • Interest Expense
  • Depreciation Expenses
  • Penalty
  • Tea & Water Expenses
  • All Indirect Expenses etc.

Fixed Assets

व्यवसाय मे उपस्थिति सभी प्रकार की  स्थाई संपत्तियों के Ledgers बनाते समय Fixed Assets Group देगे। ये स्थाई सम्पत्तियाँ व्यवसाय के संचालन मे भी सहायक होती है। जैसे :-

  • Land
  • Computer
  • Printer
  • Bike
  • Laptop etc.

Income (Direct)

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की प्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित हों तो ऐसी आय के Ledger बनाते समय Income (Direct) Group देगे। जैसे :-

  • Freight Charges Income
  • Transport Charges Income
  • All Income Form Service etc.

Income (Indirect)

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की  अप्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods) को sale करने से संबंधित नहीं होती है। ऐसी आय के Ledger बनाते समय Income (Indirect) Group देगे। जैसे :-

  • Interest Received
  • Discount Received etc.
इन्हे भी पढे :-

Indirect Expenses

ऐसे खर्च जो व्यवसाय मे वस्तुओं केे खरीदते समय या वस्तुओं के उत्पादन से संबधित नहीं होते हैं। तो  ऐसे खर्चों के Ledgers बनाते समय उन्हें Indirect Expenses Group देगे। जैसे :-

  • Legal Expenses/Charges
  • Salary
  • Audit Fees
  • Professional Charges
  • Fuel Expenses A/c
  • Telephone charge
  • Postage & courier Expenses
  • Legal charge
  • Bank charges
  • Penalty
  • Interest Expense
  • Depreciation Expenses
  • Penalty
  • Tea & Water Expenses
  • All Indirect Expenses etc.

Indirect Incomes

यदि व्यवसाय मे किसी तरह की अप्रत्यक्ष आय होती है। अर्थात ऐसी आय जो माल (Goods)  sale करने से संबंधित नहीं होती है। तो उन सभी आय के Ledgers बनाते  समय Indirect Incomes Group देगे। जैसे :-

  • Interest Received
  • Discount Received etc.

Investments

यदि व्यवसाय में हम कोई लंबी अवधि  के लिए निवेश करते है। और हमे  पता ही नहीं होता है कि  इस निवेश से Profit  होगा या Loss होगा।  तो ऐसे  निवेश (Investments) के  खातों (Ledgers) को Investment Group देगे। जैसे :-

  • Long term investment
  • Investment in Shares
  • Mutual Fund
  • Short Term Investment etc.

Loans & Advances (Asset)

यदि हम व्यवसाय मे किसी पार्टी को Advance Payment या Loan देते हैं। तो ऐसे Ledgers को Loans & Advances (Asset) Group देते हैं। जैसे :-

  • Loan Give to Friends, Relatives and company. etc.

Loans (Liability)

यदि हम व्यवसाय मे किसी पार्टी से Advance Payment या Loan लेते हैं। तो ऐसे Ledgers को Loans (Liability) Group देते हैं। जैसे :

  • Loan From Outside Party etc.

Provisions

उन सभी खातों (Ledgers) को Provisions Group देंगेे। जिनका भुगतान हमें भविष्य में करना होता है। जैसे :-

  • Audit Fees Payable
  • TDS Payable
  • All Type Payable

Purchases Accounts

व्यवसाय मेे माल खरीदी (Goods Purchase) के सभी खातों (Ledgers) को Purchase Accounts Group देते हैै। तथा Purchase Return के खातों को भी यही Group दिया जाता हैै। जैसे :-

  • Purchase Local
  • Purchase Interstate
  • Purchase Local Nil Rated
  • Purchase Interstate Nil Rated
  • Purchase (Composition)
  • Purchase Exempt (Unregistered Dealer)
  • Purchase Return etc.

Reserves & Surplus

आरक्षितयाँ और अधिशेष से संबधित खातों को Reserves & Surplus Group देंगे। जैसे :-

  • General Reserve
  • All Type Reserve etc.

Sales Accounts

व्यवसाय में जो मॉल (Goods) बेचा जाता है। उन सभी खातों को Sales Accounts Group दिया जाता है। तथा Sales Return के खातों को भी यही Group दिया जाता है। जैसे :-

  • Sales Local
  • Sales Interstate
  • Sales Local Nil Rated
  • Sales Interstate Nil Rated
  • Sale To Consumer
  • Sale Return etc.

Secured Loans

यदि व्यवसाय में हमने ऐसा कोई Loan लिया है। Bank को छोड़कर जिसमे कोई Security रखना होती है। तो उन सभी खातों (Ledgers) को Secured Loan Group देंगे। जैसे :-

  • Gold Loan
  • Car Finance Loan
  • Bajaj Finance Loan etc.

Stock-in-Hand

व्यवसाय में Stock से संबधित खातों को Stock-in-Hand Group देंगे। जैसे :-

  • Opening Stock
  • Closeing Stock etc.

Sundry Creditors

व्यवसाय में जिन व्यक्ति, संस्था,फर्म या कंपनी आदि से हम उधार मॉल (Goods) खरीदते (Purchase) है। तथा जिन पार्टीओ को हमें पैसे देने होते है। उन सभी व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि के खातों (Ledgers) को Sundry Creditors Group देते है।

Sundry Debtors

व्यवसाय में जिन व्यक्ति, संस्था,फर्म या कंपनी आदि को  हम उधार मॉल (Goods) बेचते (Sales) है। तथा जिन पार्टीओ को हमें पैसे लेने होते है। उन सभी व्यक्ति, संस्था, फर्म या कंपनी आदि के खातों (Ledgers) को Sundry Debtors Group देते है।

Suspense A/c

यदि व्यवसाय में किसी Party का Payment या Receipt का पता नहीं होता है। तो ऐसे खातों को Suspense A/c Group देते है।

  • Party Suspense A/c

Unsecured Loans

व्यवसाय में हमने यदि किसी Friends या रिश्तेदार से लोन लिया हैै। तो उन सभी के खातों को Unsecured Loan Group देंगे। जैसे :-

  • Loan Give to Friends, Relatives and company Loan etc.

Conclusion

नमस्कार दोस्तो उम्मीद करता हु की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। जिसमे मैंने आप को बहुत ही आसान शब्दो मे बताया की Tally में Ledger को Group कैसे दे। दोस्तो यदि आप का Tally Erp 9 या Tally Prime से संबन्धित कोई प्रश्न है। तो आप मुझे कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते है।  

धन्यवाद…….

इन्हे भी पढे :-

error: Content is protected !!