
विनिमय विपत्र का प्रारूप या नमूना (Specimen of Bill of Exchange)

विनिमय विपत्र की विषय वस्तु (Content of Bill of Exchange)
विनिमय विपत्र (Bill of Exchange) के अंतर्गत निम्न बातों को सम्मलित किया जाता है।
1. स्थान :- विनिमय विपत्र (Bill of Exchange) के Right Side मे विपत्र के लेखक का स्थान तथा जिले का नाम लिखा होता है।
2. दिनांक :- विपत्र जिस दिनांक को लिखा जाता है। वह दिनांक स्थान के नीचे लिखी जाती है। इसी दिनांक के आधार पर बिल की अवधि की गणना की जाती है।
3. अवधि :- बिल की अवधि की जानकारी विपत्र के मुख्य भाग पर लिखी होती है। अवधि व्यतित होने के बाद ही राशि देय होती है।
4. राशि :- विपत्र मे राशि शब्दों और अंकों दोनों मे लिखी जाती है। बायी और अंकों मे राशि लिखी होती है। तथा मुख्य भाग मे शब्दों में राशि लिखी होती है।
5. मुद्रांक :- बायी और राशि के नीचे मुंद्राक (Stamp) लगाया जाता है। यदि दर्शनीय विपत्र लिखा जाता है। तो मुंद्राक की जरूरत नहीं होती है।
6. प्रतिफल :- विनिमय विपत्र पर एक वाक्यांश लिखा जाता है। जो बहुत महत्वपूर्ण होता है। य़ह विपत्र मे इस आशय से लिखा जाता है। की विपत्र की राशि के बदले में माल, धन या वस्तु प्राप्त हो चुकी है।
7. हस्ताक्षर :- विपत्र के Right Side मे लेखक के हस्ताक्षर लिखे होते हैं।
8. देनदार का नाम व पता :- सबसे अंत में Left Side मे स्वीकृता का पूरा नाम और पता लिखा होता है। जिसे देनदार (Debtor) और ऋणी (Drawed) भी कहते हैं।
9. विनिमय विपत्र की स्वीकृति :- विपत्र के मुख्य पृष्ठ पर देनदार अपने हस्ताक्षर करता है। तथा स्वीकृति (Accepted) शब्द लिखता है।
विनिमय विपत्र की विशेषताएं या लक्षण क्या है।
Conclusion
नमस्कार दोस्तो उम्मीद करता हु। की आप को मेरा लेख बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान भाषा मे बताया कि विनिमय विपत्र का नमूना किस प्रकार बनाया जाता है। तथा एक विनिमय विपत्र मे कौन-कौन सी बातों को सम्मलित किया जाता है। दोस्तों यदि आप को इस लेख में किसी बात को समझने मे परेशानी होती है। तो आप मुझे Comment Box मे पूछ सकते हैं। तथा इस लेख को Social Network जैसे – WhatsApp, Instagram, Facebook, Twitter आदि के माध्यम से Share जरूर करे। ताकी अन्य लोगों को भी Accounting से संबधित सभी प्रकार की जानकारी मिलती रहे।
धन्यवाद……….
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