नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम लेखांकन के सिद्धांतों का (Accounting Principles) अर्थ तथा साथ ही इसकी विभिन्न विशेषताओ के बारे मे विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करेगे। क्योकि इन सिद्धांतों के बिना लेखांकन का कार्य करना बहुत कठिन है। यदि आप एक कॉमर्स छात्र है। तो आप को इन सिद्धांतों के बारे मे जरूर जानकारी प्राप्त करना चाहिए। ताकि आप लेखांकन का कार्य आसानी से सीख सके। तो चलिये दोस्तो सबसे पहले लेखांकन के अर्थ को समझते है।
लेखांकन के सिद्धांतों का अर्थ
लेखांकन के सिद्धांतों से आशय उन समस्त प्रचलित नियमो ओर मान्यताओ से है। जिनका उपयोग लेखांकन के कार्य करते समय किया जाता है। इस नियमो के कारण ही लेखांकन पद्धति मे एकरूपता आती है। यह सभी नियम लोचपूर्ण होते है। जिन्हे सभी लेखापालों (Accountant) ने लेखांकन विवरण बनाने के लिया स्वीकार कर लिया है।
साधारण भाषा मे कहे तो सिद्धान्त शब्द का अर्थ लेखांकन की उस विधि अथवा नियम से है। जो कार्य के मार्गदर्शन हेतु उपयोग मे लाये जाते है।
लेखांकन के सिद्धांतों की विशेषतए, लक्षण अथवा प्रकृति
1. लेखांकन के सिद्धान्त मनुष्य द्वारा निर्मित और विकसित किए गए है। ये सिद्धान्त अन्य प्राकर्तिक सिद्धांतों की भाति द्रढ़ एव सर्वमान्य नही है। और ना ही इन्हे किसी प्रयोगशाला मे परखा गया है। ये सिद्धान्त केवल एक अच्छे मार्गदर्शन का कार्य करते है।
2. लेखांकन के सिद्धान्त तर्क, अनुभव, उपयोग, मन्यताओ आदि पर आधारित होते है।
3. ये सिद्धान्त वास्तविक तथों पर आधारित होते है। जो प्रदान की गयी सूचनाओ का पता लगाने मे सहायक होते है।
4. लेखांकन के सिद्धान्त बहुत ही सरलता पूर्वक उपयोग मे लाये जाते है। इनका उपयोग करने मे किसी भी प्रकार की कठिनाई नही होती है।
5. लेखांकन सिद्धान्त लेखो की उपयोगिता बढ़ाने मे सहायक होते है। साथ ही जो व्यक्ति इन सिद्धांतों का पालन करते है। उनकी उपयोगिता बढ़ाने मे भी यह बहुत सहायक होते है।
6. ये सिद्धान्त विश्वव्यापी होते है। जो विश्व के सभी देशो मे उपयोग किए जाते है।
7. ये सिद्धान्त विकासशील होते है। तथा इन पर सभी रीति-रिवाजो, प्रथाओ, मन्यताओ का गहरा प्रभाव पड़ता है।
8. ये सिद्धान्त समय, देश और विशेष परिस्थिति की अनुसार परिवर्तित होते रहते है। अत: हम कह सकते है। की ये सिद्धान्त लोचपूर्ण होते है।
9. लेखांकन के सिद्धान्त संभाव्य होते है। अर्थात व्यवहारिक होते है।
10. ये सिद्धान्त प्रासंगिक होते है। जो व्यवसाय के संबंध मे सूचना प्रदान करते है।
नमस्कार दोस्तो आशा करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बहुत अच्छा लगा होगा। जिसमे मेने आप को लेखांकन सिद्धान्त का अर्थ तथा इसकी विशेषताओ मे बारे मे जानकारी दी। दोस्तो यदि आप इसी तरह अकाउंटिंग से संबन्धित पोस्ट लगातार प्राप्त करना चाहते है। तो आप मेरे Blog को फॉलो जरूर करे। ताकि आप को समय-समय पर आवश्यक जानकारी मिलती रहे।
धन्यवाद…….
विनिमय विपत्र की विशेषताएं या लक्षण क्या है।

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भाई जी , आपका बहुत बहुत धन्यवाद। मैं काफी समय से इसकी खोज कर रहा था और आपके इस आर्टिकल ने सब कुछ सरल भाषा में समझा दिया। धन्यवाद।😀:)
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