नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे हम लेखांकन और इसकी विशेषताओ के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे। दोस्तों बहीखाता और लेखांकन का अर्थ तो एक ही होता है। परन्तु आज के इस आधुनिक युग में लेखांकन का अर्थ बदल चुका है। क्योंकि लेखांकन एक व्यापक प्रकिया है। और लेखांकन का कार्य करने के लिए किसी विशिष्ट लेखापाल की आवश्यकता होती है।
इसलिये दोस्तों आज मे आप को लेखांकन के बारे में संपूर्ण जानकारी देना वाला हु। ताकी आप भी लेखांकन के कार्य को बेहतर रूप से समझ सके। और लेखांकन का कार्य सीख सके।
तो चलिए दोस्तों सबसे पहले हम लेखांकन के अर्थ को जानते है।
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लेखांकन क्या है। लेखांकन की विशेषताएं |
लेखांकन से आशय
लेखांकन से आशय व्यवसाय की लाभदायकता और वित्तीय स्थिति को ज्ञात करने से होता है। किसी भी व्यवसाय में सर्वप्रथम बहीखाते तैयार किए जाते हैं। जिसके अंतर्गत व्यवसाय मे प्रतिदिन होने वाले व्यवहारो को तिथिवार रोजनामचा मे लिखा जाता है। तथा इस रोजनामचा के आधार पर खाता बही और अन्य सहायक बहीया तैयार की जाती है। इन सारी प्रक्रिया के बाद लेखांकन का कार्य प्रारम्भ होता है। जिसके अंतर्गत खातों की गणितीय शुद्धता की जाँच करने के लिए तलपट बनाया जाता है। तथा इस तलपट के आधार पर अंतिम खाते बनाये जाते हैं।
लेखांकन का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय की वित्तीय और आर्थिक स्थित की सटीक जानकारी प्रात करना होता है। लेखांकन के द्वारा व्यवसायी आसानी से ज्ञात कर सकता है। की व्यवसाय मे कितनी चल और अचल संपत्ति है। व्यवसाय पर कितना ऋण है। देनदारो और लेनदारों की क्या स्थिति है। आदि का ज्ञान आसानी से हो जाता है। जो व्यवसाय के हित में फैसले लेने मे सहायक होता है।
लेखांकन के अंतर्गत शामिल किए जाने वाले खाते।
लेखांकन के अन्य नाम
लेखाकर्म, Accounting, लेखाशास्त्र आदि।
लेखांकन की विशेषताएं
1. लेखांकन के अंतर्गत केवल उन्ही बाहरी और आतंरिक घटनाओ को शामिल किया जाता है। जिनका सम्बन्ध मुद्रा से होता है। जैसे – नगद मॉल (Goods) क्रय किया। जिसके परिणामस्वरूप व्यवसाय की रोकड़ पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसे लेखांकन में शामिल किया जायगा। और यदि कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है। तो इसे लेखांकन में शामिल नहीं किया जाता है। क्योकि इस व्यवहार को मुद्रा में नहीं मापा जा सकता है।
2. व्यवसाय में होने वाले प्रतिदिन व्यवहारों को सुनिश्चित ढंग से रोजनामचा (Journal) में लिखा जाता है।
3. रोजनामचा और अन्य सहायक बही में लेखा करने के पश्चात् एक प्रकृति के व्यवहारों को एक जगह लिखा जाता है। जिसे खातों का वर्गीकरण कहते है।
4. वर्गीकरण के पश्चात् समस्त खातों के शेषो को जांचने के लिए तलपट बनाया जाता है। तथा अंतिम खाते तैयार किये जाते है।
5. लेखांकन में अंतिम खातों का विश्लेषण किया जाता है। तथा इस विश्लेषण के आधार पर ही व्यवसाय के हित में निर्णय लिए जाते है। तथा व्यवसाय में आने वाली समस्याओ का निपटारा किया जाता है।
नमस्कार दोस्तों आशा करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बेहद पसंद आया होगा। जिसमे मैने आप को बहुत ही आसान शब्दों में बताया की लेखांकन किसे कहते है। तथा इसकी क्या विशेषताएं है। तो दोस्तों आप को मेरा पोस्ट कैसा लगा। कृपया मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये। यदि आप इसी तरह Accounting से सम्बंधित पोस्ट निरंतर प्राप्त करना चाहते है। तो मेरे ब्लॉग को फॉलो जरूर करे।
धन्यवाद……..
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।
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