नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे हम आज Bad Debts के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे। जिसे हिंदी में डूबत ऋण या अप्राप्य ऋण या अशोध्य ऋण कहते हैं। दोस्तों कीसी भी व्यवसायी का प्राथमिक उद्देश लाभ कमाना होता है। परन्तु व्यवसाय मे हमेशा लाभ हो य़ह आवश्यक नहीं है। कभी – कभी व्यवसायी को हानि का सामना भी करना होता है। और य़ह हानि बहुत से करणो से हो सकती है। जैसे :- माल (Goods) चोरी हो जाना, अग्नि से नष्ट हो जाना, डूबत ऋण, किसी व्यापारी का दिवालिया हो जाना आदि। तो दोस्तों इस पोस्ट मे हम एक हानि का कारण – डूबत ऋण (Bad Debts) के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करेगे।
दायित्व किसे कहते हैं। दायित्व के प्रकार।
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डूबत ऋण किसे कहते हैं। |
डूबत ऋण किसे कहते हैं।
जब व्यवसायी किसी पार्टी को उधार माल बेचता है। तो जरूरी नहीं कि वह पार्टी पूरी रकम चुकता कर दे। कभी – कभी पार्टी व्यवसायी की कुछ रकम रोक लेती है। या नहीं देती है। तो इस प्रकार जो रकम वसूल नहीं हो पाती है। तो उसे व्यवसायी का डूबत ऋण कहते हैं।
उदाहरण :-
व्यवसायी ने सागर को 50000 रू का उधार माल बेचा। परन्तु सागर दिवालिया घोषित हो गया। तथा उसकी सम्पत्ति बेच कर केवल 40000 रू ही वसूल हो सके। तो ऐसी स्थिति में 10000 रू डूबत ऋण होगा।
डूबत ऋण के अन्य नाम
अप्राप्य ऋण, अशोध्य ऋण, अप्राप्त ऋण, Bad Debts
नमस्कार दोस्तों उम्मीद करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बेहद पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान भाषा में बताया कि डूबत ऋण क्या होता है। तो दोस्तों आप को मेरा पोस्ट कैसा लगा मुझे कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताए। और दोस्तों यदि आप इसी तरह Accounting से संबधित पोस्ट निरंतर प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप मेरे ब्लॉग पर उपस्थित नोटिफिकेशन बेल पर जरूर क्लिक करें। ताकी आप को Accounting से संबधित नयी – नयी पोस्ट मिलती रहे।
धन्यवाद……
हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।
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