नमस्कार दोस्तों ईस पोस्ट मे आज हम Expenditure के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेगे। जिसे हिंदी में व्यय या खर्च कहते हैं। Expenditure किसी व्यवसाय की एक महत्वपूर्ण मद होती है। क्योंकि व्यवसाय चाहे किसी भी फिल्ड का हो। उसमे ख़र्चे तो होते ही हैं। परन्तु इन सभी खर्चो को लेखांकन की दृष्टि से अलग – अलग भागों में विभाजित किया जाता है। तो चलिए दोस्तों सबसे पहले हम व्यय (Expenditure) के बारे में जानते हैं।

व्यय (Expenditure) किसे कहते हैं।
किसी व्यवसाय में लाभ अर्जित करने के लिए किया गया भुगतान ही व्यय (Expenditure) कहलाता है। फिर चाहे वह भुगतान स्थायी सम्पत्ति पर किया गया हो या माल (Goods) के क्रय विक्रय पर किया गया हो। लेखांकन की दृष्टि से व्यय को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
1. पूँजीगत व्यय (Capital Expenditure)
2. आयगत व्यय (Revenue Expenditure)
1. पूँजीगत व्यय (Capital Expenditure)
पूँजीगत व्यय से आशय ऐसे व्ययों से होता है। जो स्थायी सम्पत्ति पर किए जाते हैं। अर्थात स्थायी सम्पति को खरीदने पर किया गया खर्च, संपत्ति को लाने और ले जाने पर किया गया खर्च। सम्पत्ति को स्थापित करने के लिए किया गया खर्च आदि को पूँजीगत व्यय मे शामिल किया जाता है।
य़ह खर्च व्यवसाय मे बार – बार नहीं किए जाते हैं। परन्तु जब भी य़ह खर्च किए जाते हैं। तो इससे स्थायी सम्पत्ति के मूल्य में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
उदाहरण :- व्यवसायी द्वारा मशीनरी की मरम्मत के लिये किया गया खर्च पूँजीगत व्यय होगा। क्योंकि मशीनरी एक स्थायी सम्पत्ति है। और ईस पर किया गया खर्च का लाभ लंबे समय तक लिया जायगा।
2. आयगत व्यय (Revenue Expenditure)
आयगत व्यय से आशय ऐसे व्ययों से होता है। जो चालू वित्त वर्ष से संबंधित होती है। तथा ऐसे व्ययों का लाभ भी उसी वर्ष मिल जाता है। जैसे :- कच्चे माल को पक्के माल मे परिवर्तन करने के लिए किया गया खर्च, किराया, भाड़ा, ब्याज आदि। को आयगत व्यय मे शामिल किया जाता है।
उदाहरण :- व्यवसायी द्वारा कच्चे माल को पक्के माल मे परिवर्तन करने के लिए किया गया खर्च आयगत व्यय होगा। क्योंकि व्यवसायी पक्के माल को बेच कर ही लाभ प्राप्त करता है। और ईस पर किये गये खर्च का लाभ भी वित्तीय वर्ष मे ही मिल जाता है।
नमस्कार दोस्तों उम्मीद करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बेहद पसंद आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान शब्दों में बताया कि व्यय या खर्च क्या है। तथा य़ह कितने प्रकार के होते हैं। तो दोस्तों आप को मेरा पोस्ट कैसा लगा। कृपया मुझे कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताये। और दोस्तों यदि आप Accounting से संबधित पोस्ट निरंतर प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप Notification Bell पर जरूर click करे।
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