क्रय बही (Purchases Book) क्या है।
आज के ईस व्यापारिक युग में व्यापार एक विस्तृत रूप धारण कर रहा है। जिसमें दिन-प्रतिदिन अनेकों लेन-देन होते हैं। और उसमे से एक मुख्य व्यवहार माल क्रय करना अर्थात खरीदना होता है। जिस बही मे उधार क्रय किए गए माल का लेखा किया जाता है। उस बही को क्रय बही कहते हैं। क्रय बही को बीज़क बही भी कहा जाता है। य़हा पर य़ह ध्यान देना आवश्यक है। की क्रय बही मे केवल उधार खरीदे गए माल का लेखा किया जाता है। नगद खरीदे गए माल का लेखा रोकड बही मे किया जाता है।
क्रय बही (Purchases Book) का प्रारूप।
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क्रय बही क्या है। क्रय बही का प्रारूप। |
क्रय बही (Purchases Book) कैसे लिखते हैं।
जब भी व्यापारी कोई माल (Goods) खरीदता है। तो उसे एक बीज़क (Invoice) प्राप्त होता है। बीज़क (Invoice) मे विक्रेता की जानकारी व माल की सम्पूर्ण जानकारी होती है। जैसे :- क्रेता का नाम, विक्रेता का नाम, माल की किस्म, माल की दर (Rate), व्यापारिक बट्टा आदि। व्यापारी सबसे पहले बीज़क (Invoice) को माल से मिलान कर लेता है। और य़ह ज्ञात करता है। की उसे बीज़क (Invoice) के अनुसार ही माल प्राप्त हुआ है। फिर ईस बीज़क (Invoice) के आधार पर व्यापारी क्रय बही मे लेखा करता है।
क्रय बही मे सबसे पहले बीज़क (Invoice) की दिनांक लिखी जाती है। फिर विवरण लिखा जाता है। फिर बीज़क (Invoice) नंबर लिखा जाता है। फिर खाता पृष्ठ संख्या लिखी जाती है। फिर बीज़क (Invoice) की शुद्ध रकम लिखी जाती है।
क्रय बही मे लेखा करते समय व्यापारिक बट्टे की रकम को कुल माल के मूल्य मे से घटकर लिखते हैं। यदि विक्रेता ने खरीदे गए माल पर कोई कोई टैक्स जैसे :- विक्रय कर (Sales Tax), वस्तु एव सेवा कर (GST) आदि लगाया है। तो इसे माल की लागत मे जोड़ दिया जाता है। क्योंकि इससे खरीदे गए माल की लागत बढ़ जाती है।
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