जिन्हे हम Accounting की शब्दावली भी कहते है |
इसे भी पढ़े :- Accounting ( लेखांकन ) क्या है |
- Sale (विक्रय)
- Purchase (क्रय)
- Liabilities (दायित्व)
- Capital (पूँजी)
- Assets (संपत्तिया)
- Goods (माल)
- Revenue (आगम)
- Expenses (खर्च)
- Income (आय)
- Drawings (आहरण)
- Proprietor (मालिक)
- Debtor (देनदार)
- Creditor (लेनदार)
- Discount (बट्टा)
- Profit (लाभ)
- Loss (हानि)
- Closeing Stock
- Opening Stock
1. Sale (विक्रय) :- Sale का अर्थ होता है बिक्री या साधारण भाषा में कहे तो बेचना |
किसी व्यवसाय में निर्माण होने वाला (उत्पादित) माल (Goods) या सेवा को बेचा जाना ही Sale ( विक्रय ) कहलाता है |
किसी व्यवसाय में सेल दो प्रकार से हो सकती है |
A . नगद बिक्री (Cash Sale)
B. उधार बिक्री (Credit Sale)
2. Purchase (क्रय) :- Purshase का अर्थ होता है क्रय या साधारण भाषा में कहे तो खरीदना |
जब किसी व्यवसाय में कोई माल (Goods) पुनः विक्रय के उद्देश्य से ख़रीदा जाता है | तो वह Purchase (क्रय) कहलाता है |
किसी व्यवसाय में Purchase (क्रय) दो प्रकार से किया जाता है |
A . नगद क्रय (Cash Purchase)
B. उधार क्रय (Credit Purchase)
3. Liabilities (दायित्व) :- Liabilities (दायित्व) का अर्थ किसी व्यवसाय में उस धन से होता है | जो किसी व्यवसाय या उपक्रम को दुसरो को देना है |
उदाहरण के लिए लेनदार , अल्पकालीन ऋण , देय बिल , दीर्घकालीन ऋण , आदि सभी दायित्व है |
Liabilities (दायित्व) को निम्नलिखित भागो में विभाजित किया गया है |
A. स्थाई दायित्व :- स्थाई दायित्व वे दायित्व होते हैं, जो लम्बी अवधि के बाद चुकाए जाते हैं।
B. अस्थाई दायित्व :- अस्थाई दायित्व वे दायित्व होते है जो अल्प अवधि के बाद चुकाए जाते है |
4. Capital (पूँजी) :- किसी व्यवसाय में Capital (पूँजी) का आशय उस धनराशि से होता है जो व्यवसाय प्रारम्भ करते समय व्यवसाय के मालिक द्वारा व्यवसाय में लगाई जाती है अर्थात जिस रुपयो से मालिक व्यवसाय प्रारम्भ करता है | उसे Capital (पूँजी) कहते है |
5. Assets (संपत्तिया) :- किसी व्यवसाय में Assets (सम्पत्तिया) वो होती है | जिन्हे व्यवसाय के संचालन तथा आय अर्जित करने के लिए व्यवसाय में लगाया जाता है | तथा इन्हे कुछ समय बाद Cash में बदला जा सकता है |
उदाहरण के लिए अर्जित किराया , अर्जित लाभांश , आदि
8. Expenses (खर्च) :- किसी व्यवसाय में आय अर्जित करने के लिए जो लागत लगती है | उसे Expensae (व्यय ) कहते है |

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।
Business me kitne varsh ka record rakha jata hai
kam se kam 5 year ka data hona chahiye
Ek page pe cr kis taraf rahega Dr kis taraf rahega
trading account me Dr. side left me , or cr. side right me rahegi
Abhi a/c shuru kar rahe hai thoda batla dijiye please find attached my resume
ha boliye…
very nice
thanks