नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे हम रोजनामचा (Journal) और खाता बही (Ledger) के बीच अन्तर को जानेगे। क्योंकि बहुत बार ऐसा होता है। की हम रोजनामचा (Journal) और खाता बही (Ledger) को एक ही जैसा समझते है। परन्तु वास्तव मे ऐसा नहीं है। ये दोनों ही अलग – अलग है। और इनके बनाने का प्रारूप भी अलग – अलग होता है। तो दोस्तों सबसे पहले हम रोजनामचा (Journal) और खाता बही (Ledger) को संक्षिप्त रूप मे समझते है।
Profit and Loss Account और Balance Sheet में अंतर।
Journal और Ledger में अंतर। |
रोजनामचा (Journal) क्या है।
प्रारम्भिक लेखे को प्रथम और प्रधान पुस्तक कहते है। क्योकि व्यवसाय में होने वाले प्रतिदिन व्यवहारों का लेखा जिन पुस्तकों में सबसे पहले किया जाता है। उन पुस्तकों को प्रारम्भिक लेखे की पुस्तक कहाँ जाता है।
व्यापार में प्रत्येक व्यापारी अपने व्यापार के आकर के अनुसार अपनी व्यापारिक बहियो का उपयोग करता है। जिन व्यापारियों का व्यापार बढ़ा होता है। उनमे लेन-देन के व्यवहारों की मात्रा भी बढ़ जाती है। जिससे इन सभी व्यवहारों का लेखा जर्नल में करना मुश्किल होता है। ऐसे में व्यापारी जर्नल का विभाजन कर देता है। और एक उप जर्नल का उपयोग करता है। जिसमे बहुत सारी सहायक बहिया शामिल की जाती है। जैसे :- क्रय बही, विक्रय बही, क्रय वापसी बही, विक्रय वापसी बही, रोकड़ बही, आदि। इन सभी बहियो को लेखांकन की प्रारम्भिक पुस्तकों में शामिल किया जाता है।
परन्तु जिन व्यापारियों का व्यापार छोटा या सीमित होता है। वह केवल जर्नल का उपयोग करते है। जिसमे व्यापार में होने वाले प्रतिदिन लेन-देनो को एक ही जर्नल में लिखा जाता है। इस जर्नल को प्रधान पुस्तक या रोजनामचा भी कहते है।
रोजनामचा किसे कहते हैं। रोजनामचा कैसे लिखते हैं।
खाता बही (Ledger) क्या है।
जर्नल में व्यापार के समस्त लेन-देनो को तिथि अनुसार एव विधिवत लिखा है। परन्तु कभी – कभी व्यापारी यह भी जानना है। की व्यापार में कितनी रोकड़ है।, कुल कितना मॉल ख़रीदा।, कुल कितना मॉल बेचा, किन व्यक्तियों से रूपये लेना है।, किन व्यक्तियों को रूपये देना है। आदि और यह सभी जानकारी जर्नल से प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल का कार्य है। इसलिए व्यापारी इन समस्त जानकारी को प्राप्त करने के लिए एक बही बनाता है। जिसमे एक ही प्रकृति के व्यवहारों को एक ही स्थान पर लिखा जाता है। और इसी बही को खाता बही (Ledger) कहते है।
खतौनी (posting) किसे कहते हैं। और खाता बही (Ledger) क्या है तथा इसका प्रारूप।
Journal और Ledger में अंतर।
1. जर्नल में सर्वप्रथम व्यापार में होने वाले प्रतिदिन लेन-देनो का लेखा किया जाता है। जबकि जर्नल के आधार पर ही खाताबही में लेखा किया जाता है।
2. जर्नल में लेखा करने को जर्नलाइजिंग कहते है। जबकि खाताबही में लेखा करने को खतौनी कहते है।
3. जर्नल की सहायता है अंतिम खाते नहीं बनाये जा सकते है। लेकिन खाताबही के आधार पर अंतिम कहते बनाये जा सकते है।
4. जर्नल में प्रत्येक व्यवहार का लेखा विस्तार से किया जाता है। जबकि खाताबही में प्रत्येक व्यवहार का लेखा संक्षिप्त रूप में किया जाता है।
5. जर्नल मूल प्रविष्टि की पुस्तक है। जबकि खाताबही दूसरी पप्रविष्टि की पुस्तक है।
6. इस बही की शुद्धता की जाँच नहीं की जा सकती है। जबकि खाताबही की शुद्धता की जाँच की जा सकती है।
7. जर्नल में प्रत्येक सौदा तिथिवार व् अलग – अलग किया जाता है। जबकि खाताबही में वर्गीकरण करके खातों में लेखा तिथिवार किया जाता है।
नमस्कार दोस्तों आशा करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। जिसमें मेने बहुत ही आसान शब्दों में बताया कि किस प्रकार जर्नल (Journal), (खाता बही (Ledger) से अलग है। तो दोस्तों यदि आप इसी तरह Accounting से संबधित पोस्ट प्राप्त करना करना चाहते है। तो आप मेरे ब्लॉग को Follow जरूर करे। ताकी आप को Accounting से संबधित जानकारी समय – समय पर मिलती रहे।
धन्यवाद…….
Outstanding Expenses और Prepaid Expenses क्या है।
Trade Discount और Cash Discount क्या है।
अप्रत्यक्ष आय (indirect income) क्या है।
व्यापार खाता (Trading Account) के नियम क्या है।
हेलो दोस्तो, मेरा नाम विकास जरीवाला है। और मै एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट हु। दोस्तो इस ब्लॉग पर मे Accounting, Tally Prime, Technology और Commerce Stream से जुड़े लेख लिखता हू।